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लीबिया विवाद खत्म होने की उम्मीद से कच्चे तेल की कीमतों में 3 पर्सेंट भी ज्यादा की गिरावट

ऑयल की कीमतों में 3 सितंबर को 3 पर्सेंट से भी ज्यादा गिरावट देखने को मिली। खबर है कि उस विवाद को निपटाने के लिए जल्द समझौता होने वाला है, जिसकी वजह से लीबिया में ऑयल का प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट रोक दिया गया है। इस वजह से कीमतें इस साल के शुरुआती वक्त के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं।

क्रूड सप्लाई में संभावित बढ़ोतरी की खबर ऐसे समय में आई है, जब चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती की वजह से कीमतों में पहले से गिरावट है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा क्रूड इंपोर्टर है। 1333 GMT पर ब्रेंट क्रू़ड 3.08 डॉलर यानी 4 पर्सेंट की गिरावट के साथ 74.44 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जो दिसंबर के बाद सबसे निचला स्तर है। साथ ही, वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड फ्यूचर्स 2.55 डॉलर नीचे यानी 3.5 पर्सेंट की गिरावट के साथ 71 डॉलर पर पहुंच चुका था, जो जनवरी के बाद का सबसे निचला स्तर है।

बीते 2 सितंबर को प्रमुख पोर्ट्स पर लीबिया ने ऑयल का एक्सपोर्ट रोक दिया गया था और देश भर में प्रोडक्शन में भी कटौती कर दी थी। वहां के सेंट्रल बैंक और ऑयल रेवेन्यू पर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक गुटों के साथ गतिरोध पैदा होने की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। लीबिया के नेशनल ऑयल कॉरपोरेशन (NOC) ने 2 सितंबर से ऑयल फील्ड में काम रोक दिया गया था।

लीबिया की घटना के अलावा, चीन के कमजोर आर्थिक डेटा से भी तेल की कीमतों में गिरावट आई। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चाइनीज मैन्युफैक्चरिंग PMI अनुमान से कमजोर रहने की वजह से चीन की इकोनॉमी को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं और इसका असर तेल की कीमतों पर भी देखने को मिला।

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