एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरुण लोहचब का कहना है कि भारतीय कंपनियों की आय में पिछले चार वर्षों की तुलना में मध्यम ग्रोथ होने की उम्मीद है,क्योंकि इनका वैल्युएशन बढ़ा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय कंपनियों की आय अगले कुछ सालों में 10-12 फीसदी सालाना की दर से बढ़ेगी। यह पिछले 4 सालों में देखने को मिली तेज बढ़त से कम है।
रियल एस्टेट और इंडस्ट्रियल पर ओवरवेट
सीएनबीसी-टीवी18 के साथ बातचीत में लोहचब ने पिछले कुछ महीनों में ओवरवेट पोजीशन में आए बदलाव के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि आईटी, बैंकिंग और कंज्यूमर स्टेपल में नई पोजीशन जोड़ी जा रही है। जबकि इंडस्ट्रियल और रियल एस्टेट की पोजीशन में कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी सिक्योरिटीज पिछले 12-18 महीनों से दो स्पेस रियल एस्टेट और इंडस्ट्रियल पर ओवरवेट है। उन्होंने यह भी बताया कि अब वे 4 साल में पहली बार कंज्यूमर स्टेपल पर ओवरवेट हो गए हैं।
टीसीएस लार्ज कैप आईटी में टॉप पिक
उन्होंने बताया कि पिछले 6 महीनों में एचडीएफसी सिक्योरिटीज आईटी की दो कंपनियों TechM और Mphasis में ओवरवेट था। लेकिन अब इनमें पोजीशन हल्की की गई है। जबकि टीसीएस के शेयरों खरीदारी की गई है। उन्होंने कहा कि टीसीएस लार्ज कैप आईटी में उनकी टॉप पिक है। आईटी कंपनियों के शेयरों में जून से ही तेजी देखने को मिल रही है। उम्मीद है कि अमेरिका में आईटी सेवाओं की मांग में सुधार हो सकता है। आईटी कंपनियों के जून तिमाही के नतीजों से भी पता चलता है कि मांग में स्थिरत आ सकती है। जून तिमाही के दौरान, इंफोसिस ने अपना सालाना पूर्वानुमान बढ़ाया था, जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने कहा थी कि उसे बेहतर वित्त वर्ष की उम्मीद है।
लार्जकैप आईटी, मिडकैप के मुकाबले बेहतर स्थिति में
लोहचब ने कहा, “अमेरिकी रिकवरी मुख्य आधार है लेकिन वैल्यूएशन बनाम ग्रोथ संभावनाओं को देखते हुए लार्जकैप आईटी, मिडकैप के मुकाबले बेहतर स्थिति में दिख रहे हैं।”
मध्यम अवधि के नजरिए से बैंकिंग शेयरों की रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो अच्छा
बैंकिंग सेक्टर पर बात करते हुए लोहचब ने कहा कि इस सेक्टर का वैल्युएशन पांच साल पहले के प्रीमियम से कम हुआ है। “वित्त वर्ष 2019 में, निफ्टी पी/ई 21-22x (1 ईयर फॉरवर्ड) था, आज यह ट्रेलिंग बेसिस पर 25x है। पांच साल में, बैंकिंग सेक्टर का वैल्युएशन 50 फीसदी कम हो गया है, और अब यह 17x पर है, जबकि वित्त वर्ष 2019 में यह 35x था। यहां से आय पर अगले 6-12 महीनों तक दबाव रह सकता है। निवेशकों को तुरंत इस सेक्टर में कोई बढ़ा फायदा नहीं हो सकता। लेकिन मध्यम अवधि के नजरिए से बैंकिंग शेयरों की रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो निजी और पीएसयू दोनों बैंकों के लिए अनुकूल दिख रहा है”।
निफ्टी के लगभग 70 फीसदी स्टॉक अपने लॉन्ग टर्म वैल्युएशन से ऊपर
लोहचब का कहना है कि हालांकि हेडलाइन पी/ई में कोविड-पूर्व की तुलना में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन इंडेक्स के अंदर बहुत सारे बदलाव हुए हैं और निफ्टी के लगभग 70 फीसदी स्टॉक अपने लॉन्ग टर्म वैल्युएशन से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में मध्यम दर्जे के रिटर्न की ही उम्मीद करनी चाहिए।
एनबीएफसी की तुलना में बड़े बैंक ज्यादा अच्छे
बैंकों में,वरुण लोहचब को एनबीएफसी की तुलना में बड़े बैंक ज्यादा अच्छे लग रहे हैं। इनमें उनकी प्रमुख पसंद आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और फेडरल बैंक है। जबकि एनबीएफसी में उन्हें चोला फाइनेंस और आवास फाइनेंसर्स पसंद हैं।
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