IPO में 54% निवेशक लिस्टिंग के एक सप्ताह के भीतर ही शेयर बेच देते हैं। वहीं लिस्टिंग के एक साल के भीतर ही यह संख्या 70% तक पहुंच तक पहुंच हो जाती है।
मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI की स्टडी में यह खुलासा हुआ है।
सेबी ने अपनी स्टडी में कहा कि निवेशकों के बीच एक मजबूत डिस्पोजिशन पैटर्न देखा गया है। जिन शेयरों की वैल्यू बढ़ी उन्हें निवेशकों ने पहले बेच दिया और जिनकी वैल्यू कम हुई उन्हें होल्ड किया।
SEBI ने अप्रैल 2021 से दिसंबर 2023 के बीच यह स्टडी कंडक्ट की। इसमें मार्केट रेगुलेटर ने 144 मेनबोर्ड IPO पर इन्वेस्टर बिहेवियर पर अध्ययन किया।
सेबी स्टडी की बड़ी बातें…
- निवेशकों के व्यवहार पर रिटर्न का बहुत ज्यादा असर देखा गया।
- IPO का रिटर्न 20% से ज्यादा बढ़ा तो निवेशकों ने एक हफ्ते के 67.6% शेयर बेचे।
- वहीं, निगेटिव रिटर्न की स्थिति में निवेशक शेयर होल्ड किए और महज 23.3% किए।
RBI गाइडलाइन के बाद ओवर-सब्सक्रिप्शन आधा हुआ
नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन (NBFC) की ओर से IPO फाइनेंशिंग पर RBI की गाइडलाइन के बाद NII कैटेगरी में ओवर-सब्सक्रिप्शन 38 गुना से घटकर 17 गुना हो गया।
NII शेयर अलॉटमेंट प्रोसेस में सेबी के पॉलिसी इंटरवेंशन के बाद, नॉन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर (NII) कैटेगरी से IPO में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की मांग करने वाले एवरेज एप्लिकेशन लगभग 626 प्रति IPO से घटकर लगभग 20 प्रति IPO रह गए।