लीडिंग टेक्सटाइल कंपनी रेमंड (Raymond) को पड़ोसी देश बांग्लादेश में संकट के बाद वैश्विक कंपनियों से ‘बड़ी संख्या में प्रस्ताव’ मिले हैं। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम हरि सिंघानिया ने यह जानकारी दी। सिंघानिया ने कहा कि कंपनी इस अवसर का लाभ उठाने के लिए तैयार है। बीते शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में 0.29 फीसदी की गिरावट देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 1982.85 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
गारमेंट्स बिजनेस के भारत में शिफ्ट होने की उम्मीद
रेमंड ने दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी सूट बनाने वाली कंपनी बनने के लिए अपनी फैसिलिटी में निवेश किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें बांग्लादेश से कुछ गारमेंट्स बिजनेस भारत में शिफ्ट होने की उम्मीद है, सिंघानिया ने कहा, ‘हमें ऐसी उम्मीद है। हम प्रस्ताव देख रहे हैं। जाहिर है कि इसमें थोड़ा समय लगेगा, लेकिन हमें निश्चित रूप से इस पर पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अपनी सीधी सप्लाई कैपिबिलिटी के साथ बेहतर स्थिति में है, क्योंकि रेमंड जैसी कंपनियां फैब्रिक और गारमेंट्स बिजनेस दोनों में मौजूद हैं, जिससे फाइनल डिलीवरी पर इंटरनेशनल ब्रांड के लिए भी समय की बचत होगी।
फैब्रिक की सप्लाई का लाभ उठाने का एक शानदार मौका
सिंघानिया ने कहा, “बांग्लादेश में फैब्रिक की सप्लाई नहीं है। भारत के पास इस फैब्रिक की सप्लाई का लाभ उठाने का एक शानदार अवसर है, क्योंकि हमारे पास यहां फैब्रिक बेस है। उनके पास (केवल) गारमेंटिंग बेस है।” सिंघानिया ने कहा कि रेमंड की कैपिसिटी एक्सपेंशन ऑनलाइन हो गई है, जो बिल्कुल सही समय पर हुआ है। उन्होंने कहा, “इसलिए हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास ये कैपिसिटी हैं। हम हमेशा अवसरों की तलाश में रहते हैं।”
हालांकि, इंडियन लेबल बांग्लादेश की तुलना में अधिक महंगा हो सकता है। उन्होंने कहा, “स्थिति की समग्रता पर गौर करें। मेरे पास फैब्रिक और सीधी सप्लाई है। मैं आपका समय बचाता हूं जिसके लिए आप मुझे कुछ भुगतान करते हैं।’ इसके अलावा, भारत एक राजनीतिक रूप से स्थिर देश है, जिसमें एक बड़ा मध्यम वर्ग है और कंजप्शन और मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता भी बहुत अच्छी हैं।