गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कल ओपन होगा। निवेशक 4 सितंबर तक इस IPO के लिए बोली लगा सकेंगे। 9 सितंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।
गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग इस इश्यू के जरिए टोटल ₹167.93 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ₹135.34 करोड़ के 2,558,416 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। वहीं कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹32.59 करोड़ के 616,000 शेयर बेच रहे हैं।
अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹503 से ₹529 तय किया है। रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 28 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइस बैंड ₹529 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,812 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, रिटेल निवेशक मैक्सिमम 13 लॉट यानी 364 शेयर्स के लिए अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹192,556 इन्वेस्ट करने होंगे।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग की स्थापना फरवरी 2009 में हुई थी
गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग लिमिटेड की स्थापना फरवरी 2009 में हुई थी। कंपनी डिस्क और स्ट्रिप स्प्रिंग्स (DSS), कॉइल और सर्पिल स्प्रिंग्स (CSS) और स्पेशल फास्टनिंग सॉल्यूशन (SFS) जैसे प्रीसीजन कंपोनेंट्स बनाती है।
कंपनी के प्रोडक्ट इलेक्ट्रिकल, ऑफ-हाइवे इक्विपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और जनरल इंजीनियरिंग के साथ ऑटोमोटिव और रेलवे में इस्तेमाल किए जाते हैं। कंपनी ने जर्मनी, डेनमार्क, चीन, इटली, ब्राजील, अमेरिका, स्वीडन और स्विट्जरलैंड सहित कई देशों में टेक्निकल स्प्रिंग्स और हाई टेंसाइल फास्टनर्स को सप्लाई करती है।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।