Maharatna PSU: भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की 30 अगस्त को AGM बैठक हुई जिसमें फ्यूचर ग्रोथ को लेकर कंपनी ने बड़ा प्लान पेश किया है. कंपनी अगले 5 सालों में 1.7 लाख करोड़ रुपए के बड़े निवेश का प्लान पेश किया है. रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स बिजनेस के विस्तार के लिए 75000 करोड़ रुपए, 10 हजार करोड़ रुपए ग्रीन एनर्जी बिजनेस के लिए, 20 हजार करोड़ मार्केटिंग बिजनेस और 25 हजार करोड़ सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन और 32000 करोड़ रुपए अपस्ट्रीम बिजनेस के ग्रोथ के लिए खर्च करने का प्लान है.
उर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने पर फोकस
BPCL अगले 5-7 साल में एक तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन परिसर स्थापित करने की संभावना तलाश रही है. कंपनी के चेयरमैन जी कृष्णकुमार ने शुक्रवार को शेयरधारकों को यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ा रही है. बीपीसीएल की चार तेल रिफाइनरियों में से एक ऑयल इंडिया लिमिटेड के पास चली गई थी. ऐसे में कंपनी ने अपने मुख्य तेल शोधन और ईंधन खुदरा कारोबार के साथ ही नए ऊर्जा उपक्रमों में विस्तार के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है.
नुमालगढ़ी रिफाइनरी Oil India को सौंपनी पड़ी थी
उन्होंने कहा, ”बीना और कोच्चि (रिफाइनरियों) में हमारे पूर्व निर्धारित विस्तार के अलावा मांग को पूरा करने के लिए हम अगले 5-7 वर्षों के भीतर अतिरिक्त एकीकृत तेल शोधन और पेट्रोरसायन क्षमताएं स्थापित करने के विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं.’’ बीपीसीएल को असम में अपनी नुमालीगढ़ रिफाइनरी को ओआईएल को सौंपना पड़ा था, क्योंकि सरकार कंपनी का निजीकरण करने की संभावनाएं तलाश रही थी.
BPCL के पास अब केवल 3 रिफाइनरी है
असम समझौते का सम्मान करते हुए नुमालीगढ़ इकाई को सार्वजनिक क्षेत्र में रखने के लिए यह हस्तांतरण किया गया था. हालांकि, बाद में बोलीदाताओं की रुचि न होने के कारण बीपीसीएल के निजीकरण की प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया. अब कंपनी के पास मुंबई, मध्य प्रदेश के बीना और केरल के कोच्चि में रिफाइनरी बची हैं. कृष्णकुमार ने कहा कि भारत में शोधित ईंधन और पेट्रोरसायन की खपत निकट भविष्य में सालाना 4-5 फीसदी और 7-8 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है.
(भाषा इनपुट के साथ)