भारत सरकार ने हाल ही में 12 नई इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाने की योजना को मंजूरी दी है। ये स्मार्ट सिटी देश के 10 प्रमुख राज्यों में बनाए जाएंगे और इसके लिए सरकार ने 28,602 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है। इन स्मार्ट सिटी का उद्देश्य सिर्फ शहरों का विकास ही नहीं, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों को भी मजबूत करना है। केंद्र ने उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला किया है। इसका सीधा फायदा कई इंडस्ट्रीज को मिलने वाला है, खासतौर पर मेटल, सीमेंट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को।
अब बात करते हैं उन स्टॉक्स की, जिन्हें आप इस मौके पर अपनी वॉचलिस्ट में रख सकते हैं। सबसे पहले बात करते हैं कंस्ट्रक्शन कंपनियों की। बिगुल के सीईओ अतुल पारिख का मानना है कि HCC और NCC जैसी कंपनियों को इस योजना से बड़ा फायदा हो सकता है, क्योंकि उन्हें स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए बड़े ऑर्डर मिलने की संभावना है। इसके साथ ही, Siemens India और ABB India जैसी औद्योगिक उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनियों पर भी नजर रखी जा सकती है क्योंकि सरकार अब मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ाने पर जोर दे रही है।
Pace360 के को-फाउंडर अमित गोयल ने कहा कि L&T जैसे दिग्गज खिलाड़ी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। L&T का बड़ा अनुभव और ट्रैक रिकॉर्ड उसे इन बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए परफेक्ट उम्मीदवार बनाता है। पहले भी L&T ने नागपुर, पुणे, पटना, फरीदाबाद, तिरुपति और रांची जैसे शहरों में स्मार्ट सिटी से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स सफलतापूर्वक जीते हैं।
अब बात करते हैं टेक्नोलॉजी कंपनियों की। TCS जैसी दिग्गज कंपनी भी इस योजना से काफी मुनाफा कमा सकती है। गोयल ने कहा कि स्मार्ट सिटी के साथ ही आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, साइबर सिक्योरिटी और डेटा एनालिटिक्स की मांग काफी बढ़ेगी, और TCS का इस क्षेत्र में कोई सानी नहीं है। TCS पहले ही कई बड़े ई-गवर्नेंस परियोजनाओं को हैंडल कर चुकी है और वो अपने मजबूत डेटा एनालिटिक्स के जरिए इस क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाने को तैयार है।
स्मार्ट सिटी के विकास के साथ, सीमेंट और मेटल कंपनियों को भी बड़े पैमाने पर ऑर्डर्स मिल सकते हैं। Tata Steel, NBCC, और UltraTech Cement जैसी कंपनियां इस प्रोजेक्ट के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगी। गोयल ने कहा कि UltraTech Cement भारत की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी है और इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी के चलते कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में आई तेजी का लाभ उठाने के लिए वह अच्छी स्थिति में है।
इस सबके अलावा सरकार ने नार्थ ईस्ट राज्यों में 15,000 मेगावाट क्षमता वाले हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को भी हरी झंडी दी है। इस प्रोजेक्ट्स के तहत 4,136 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका सीधा लाभ Tata Power, NHPC, और NTPC जैसी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों को मिल सकता है। वहीं एलारा सिक्योरिटी का मानना है कि SJVN और NHPC जैसी कंपनियों को इन प्रोजेक्ट्स से खासतौर से लाभ होगा क्योंकि ये हाइड्रोपावर में माहिर हैं।
इस बीच सरकार ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का भी विस्तार करने की योदना बनाई है। इसका लाभ कोल्ड चेन और फूड प्रॉसेसिंग सेक्टर्स को मिल सकता है। बिगुल के अमित पारिख का कहना है कि Blue Star और ITC जैसी कंपनियों पर नजर रखी जानी चाहिए, क्योंकि इन कंपनियों को इस योजना से सीधे तौर पर फायदा हो सकता है।
ये सभी प्रोजेक्ट न सिर्फ हमारे देश की इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाएंगे, बल्कि हमारे उद्योगों और कंपनियों को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे। सरकार ने 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य इन स्मार्ट सिटी के विकास के बिना अधूरा है, और इससे भारतीय कंपनियों को भारी फायदा होने की उम्मीद है।
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