SJVN Share: सरकारी स्वामित्व वाली हाइड्रो पावर कंपनी एसजेवीएन को सरकार ने ‘नवरत्न’ का दर्जा दे दिया। ‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने से कंपनी को बाजार में अपनी साख बढ़ाने और बड़े साइज की पीपीपी परियोजनाओं को शुरू करने में लाभ मिलेगा। बता दें कि एसजेवीएन ‘नवरत्न’ का दर्जा पाने वाली 25वीं सीपीएसई बन गई है। एसजेवीएन एक सीपीएसई है जिसका वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सालाना कारोबार 2833 करोड़ रुपये और मुनाफा 908 करोड़ रुपये है।
बता दें कि कंपनी के शेयर आज शुक्रवार को मामूली तेजी देखी गई और यह शेयर 134.30 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए थे। अब सोमवार को कंपनी के शेयर फोकस में रहेंगे। बता दें कि इसमें LIC की भी बड़ी हिस्सेदारी है। LIC के पास कंपनी के 8,89,94,881 शेयर यानी 2.26 स्टेक है।
कंपनी ने क्या कहा?
कंपनी ने आज शुक्रवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, “हम आपको सूचित करते हैं कि डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने एसजेवीएन लिमिटेड को “नवरत्न” का दर्जा दिया है।”
नवरत्न सीपीएसई की लिस्ट-
1. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
2. कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
3. इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड
4. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
5. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड
6. नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड
7. नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड
8. नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड
9. एनएमडीसी लिमिटेड
10. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
11. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
12. रेल विकास निगम लिमिटेड
13. ओएनजीसी विदेश लिमिटेड
14. राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड
17. नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड
18. सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन
19. हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड
20. इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड
21. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड
जून तिमाही के नतीजे
एसजेवीएन का जून तिमाही में कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 31% बढ़ गया और यह 357.09 करोड़ रुपये रहा। कंपनी द्वारा एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान इसने 271.75 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था। तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय पिछले साल की समान तिमाही के 744.39 करोड़ रुपये से बढ़कर 958.47 करोड़ रुपये हो गई। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का खर्च 362.60 करोड़ रुपये से बढ़कर 476.39 करोड़ रुपये हो गया।