प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े HDFC बैंक ने अपने लोन पोर्टफोलियो को बेचने की योजना बनाई है। यह लोन पोर्टफोलियो 10,000 करोड़ रुपये या $1.2 बिलियन का है। इस संबंध में बैंक, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी, निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड और एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट प्राइवेट सहित स्थानीय परिसंपत्ति प्रबंधकों के साथ बातचीत कर रहा है। इस खबर बीच, सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को बैंक के शेयर सुस्त नजर आए। ट्रेडिंग के अंत में शेयर लाल निशान पर था और इसका भाव 1633 रुपये के स्तर पर रहा।
क्या है बैंक का प्लान
बता दें कि एचडीएफसी बैंक अपने रिटेल लोन पोर्टफोलियो को संकुचित करना चाहता है। रिजर्व बैंक के दबाव के बाद बैंकिंग इंडस्ट्री क्रेडिट डिपॉजिट रेश्यो को बढ़ाने पर काम कर रहा है। यदि यह बिक्री सफल होती है, तो एचडीएफसी बैंक को अपने क्रेडिट डिपॉजिट रेश्यो में सुधार करने में मदद मिलेगी। यह हाल के वर्षों में खराब हो गया है।
क्रेडिट डिपॉजिट रेश्यो कितना
मूडीज रेटिंग्स के ICRA लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार मार्च के अंत में एचडीएफसी का क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो 104% था, जो पिछले तीन वित्तीय वर्षों में देखे गए 85% -88% के स्तर से अधिक है। बता दें कि बैंक ने जून में एक अज्ञात खरीदार को ₹5,000 करोड़ का ऋण पोर्टफोलियो बेचा। मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने पिछले महीने कहा था कि बैंक ने आखिरी बार ऐसा लेनदेन एक दशक से भी पहले किया था।
डिपॉजिट बढ़ाने पर फोकस
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से अपनी डिपॉजिट बढ़ाने के तरीके खोजने का आग्रह किया है। आरबीआई ने विशेष रूप से बैंकों को संभावित लिक्विडिटी इश्यू के बारे में चेतावनी दी है और उनसे अधिक बचत आकर्षित करने के लिए अपने नेटवर्क का उपयोग करने को कहा है। इसी माहौल के बीच एचडीएफसी बैंक की ओर से लोन पोर्टफोलियो बेचने की योजना बनाई जा रही है।