इस साल जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PBBL) पर बिजनेस से जुड़े कई बड़े प्रतिबंध लगा दिए। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने फिनटेक कंपनी को नए डिपॉजिट्स लेने और क्रेडिट लेनदेन करने से रोक दिया। पेटीएम पर RBI की इस सख्ती का असर देश की अन्य फिनटेक कंपनियों पर भी देखने को मिल रहा है। पेटीएम के आईपीओ के बाद भारतपे, फोनपे और लेंडिंगकार्ट सहित कई फिनटेक कंपनियों की आईपीओ लाने की योजना थी। हालांकि, सूत्रों की मानें तो RBI के एक्शन ने इन्हें अपनी आईपीओ योजना पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।
नवंबर 2021 में लिस्ट हुए थे Paytm के शेयर
पेटीएम पेमेंट बैंक की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन्स (OCL) के शेयर नवंबर 2021 में लिस्ट हुए थे। लिस्टिंग से करीब दो साल से अधिक समय के बाद पेटीएम को RBI की ओर से कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा। पेटीएम की लिस्टिंग ने कई फिनटेक कंपनियों को शेयर बाजार में उतरने के लिए प्रेरित किया। भारतपे, क्रेड, फोनपे, लेंडिंगकार्ट और क्रेडिटबी समेत कई कंपनियों ने अपनी आईपीओ योजनाओं पर विचार करना शुरू कर दिया। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अब इन कंपनियों ने अपनी आईपीओ योजनाओं को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
BharatPe का IPO ठंडे बस्ते में
उदाहरण के लिए, सितंबर 2022 में भारतपे के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि कंपनी अगले 18 से 24 महीनों में पब्लिक होने पर विचार कर सकती है। इसका मतलब है कि कंपनी की लिस्टिंग 2024 के सेकंड हाफ के आसपास हो जानी चाहिए थी। लेकिन PBBL पर प्रतिबंध के लगभग सात महीने बाद भी IPO पर काम या तो रुका हुआ है या टाला जा रहा है। भारतपे के अलावा अन्य फिनटेक और पेमेंट कंपनियों ने भी यही रुख अपनाया है।
लिस्टिंग योजनाओं पर कंपनियों में नहीं हो रही कोई चर्चा
मनीकंट्रोल से बातचीत करने वाले सूत्रों ने कहा कि ऊपर बताई गई ज्यादातर कंपनियों ने अभी तक अपनी लिस्टिंग योजनाओं पर कंपनी में आंतरिक चर्चा नहीं की है। नाम न बताने की शर्त पर एक फिनटेक फाउंडर ने कहा, “निवेश बैंकों के साथ 2022 के मध्य में शुरू हुई शुरुआती बातचीत के बाद हमने इस मामले पर ज्यादा चर्चा नहीं की है। हम पहले मुनाफे में आने पर विचार कर रहे हैं और उसके बाद हम पब्लिक होने पर फैसला लेंगे।”
Lendingkart ने IPO की योजना पर क्या कहा?
एक दशक पुरानी कंपनी लेंडिंगकार्ट का कहना है कि अभी उसे पब्लिक होने की कोई जल्दी नहीं है। स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) और अन्य छोटे बिजनेस के लोन पर फोकस करते हुए लेंडिंगकार्ट अगले दो वित्तीय वर्षों में आईपीओ योजना बना सकती है। नाम न बताने की शर्त पर एक एग्जीक्यूटिव ने कहा, “हम एक या दो साल बाद पब्लिक होने पर विचार करेंगे।” वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में लेंडिंगकार्ट का रेवेन्यू 30 फीसदी बढ़कर 230 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पीएटी बढ़कर 34 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले यह 32 करोड़ रुपये था।
दो साल में आ सकता है फोनपे का IPO
वाटमार्ट समर्थित फोनपे का भी लिस्टिंग पर ऐसा ही रुख है। वॉलमार्ट के कॉर्पोरेट मामलों के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट डैन बार्टलेट ने इस साल 8 जून को रॉयटर्स को बताया कि फोनपे का आईपीओ दो साल में आ सकता है। बार्टलेट ने कहा, “हम अगले कुछ सालों में इस पर विचार कर रहे हैं।” रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2023 तक भारत के UPI पेमेंट्स पर ट्रांजेक्शन के मूल्य में PhonePe की हिस्सेदारी लगभग 51 फीसदी है। बार्टलेट ने PhonePe का जिक्र करते हुए कहा, “पब्लिक होने से पहले हमें कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी।”