अगले छह महीनों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की 30 किस्तें रिडेम्प्शन के लिए आ रही हैं। इनमें से कई तय समय से पहले रिडेम्प्शन वाली किस्तें हैं। इसका मतलब है कि ये पांच, छह और सात साल पुरानी हो गई हैं। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि एसजीबी में कैपिटल गेंस को टैक्स से छूट तभी मिलती है जब आप आरबीआई के प्रीमैच्योर एग्जिट विंडो के जरिए इसका रिडेम्प्शन करते हैं। अगर आप इस विंडो का इस्तेमाल नहीं करते हैं और स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए एसजीबी को बेचते हैं तो कैपिटल गेंस पर टैक्स चुकाना होगा।
छह महीनों में रिडेम्प्शन के लिए खुल जाएंगी 30 किस्तें
RBI साल में दो बार यह लिस्ट जारी करता है। इसके जरिए SGB के निवेशकों को यह बताया जाता है कि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के लिए अप्लिकेशन देने की अंतिम तारीख क्या है। इस लिस्ट के मुताबिक एसजीबी की 30 किस्तें हैं, जिनके निवेशक अगले छह महीनों में समय से पहले रिडेम्प्शन कर सकते हैं। इनमें से सात ऐसी किस्तें हैं, जिनके अगले छह महीनों में 5.5 साल, 6.5 साल और 7.5 साल पूरे हो जाएंगे।
आरबीआई सरकार की तरफ से एसजीबी की किस्तें जारी करता है
एसजीबी सरकार की तरफ से आरबीआई जारी करता है। आरबीआई ने पहली बार 2015 में एसजीबी की किस्त जारी की थी। अब तक इसकी 67 किस्तें जारी हो चुकी हैं। एसजीबी 8 साल में मैच्योर हो जाता है। लेकिन, पांच साल के बाद इसमें से पैसे निकालने की इजाजत है। एसजीबी में NSE और BSE में ट्रेडिंग होती है। लेकिन इनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी कम रहता है। RBI 5वें, 6वें और सातवें साल से बायबैक की सुविधा निवेशकों को देता है। एसजीबी के निवेशक रिसीविंग ऑफिसेज, एनएसडीएल, सीडीएसएल या RBI Retail Direct के जरिए रिडेम्प्शन का रिक्वेस्ट दे सकते हैं।
क्या आपको निवेश बनाए रखना चाहिए या निकाल लेना चाहिए?
गोल्ड का इस्तेमाल इनफ्लेशन और आर्थिक अनिश्चितता से हेजिंग के लिए होता है। इसका मतलब है कि यह इनफ्लेशन और आर्थिक अनिश्चितता के असर से आपके पैसे की वैल्यू गिरने से बचाता है। मायवेल्थग्रोथ डॉट कॉम के को-फाउंडर हर्षद चेतनवाला ने कहा, “गोल्ड को सिर्फ रिटर्न हासिल करने की जगह एसेट एलोकेशन वाले प्रोडक्ट के रूप में देखना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “यह देखते हुए कि पिछले कुछ सालों में गोल्ड में तेजी आई है, जिन निवेशकों ने एसजीबी में रिटर्न के लिए निवेश किया था उन्हें प्रीमैच्योर एग्जिट विंडो का इस्तेमाल करना चाहिए। जो निवेशक डायवर्सिफिकेशन चाहते हैं, वे एसजीबी में निवेश बनाए रख सकते हैं।” अगर आपके कुल पोर्टफोलियो में एसजीबी की हिस्सेदारी वैल्यू के लिहाज से 10 फीसदी से ज्यादा है तो आप कुछ रिडेम्प्शन कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो आपको अपना निवेश बनाए रखना चाहिए।