जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (Jio Financial Services) को फॉरेन इनवेस्टमेंट लिमिट बढ़ाकर 49 फीसदी इक्विटी करने की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने शनिवार को एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि उसे वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग से कंपनी में विदेशी निवेश की सीमा को पूरी तरह से डायल्यूटेड आधार पर कुल इक्विटी के 49 फीसदी तक बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है। मई 2024 में मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी ने इक्विटी के माध्यम से FPI सहित विदेशी निवेश को 49 फीसदी तक करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी थी।
मार्च तिमाही में 6 फीसदी बढ़ा Jio Financial का नेट प्रॉफिट
मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट तिमाही आधार पर 6 फीसदी बढ़ गया। यह दिसंबर तिमाही में ₹294 करोड़ से बढ़कर ₹311 करोड़ हो गया। हालांकि, इस दौरान कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू पिछली तिमाही में ₹414 करोड़ की तुलना में ₹418 करोड़ पर स्टेबल रहा।
अप्रैल में जियो फाइनेंशियल ने ब्लैकरॉक के साथ ज्वाइंट वेंचर की घोषणा की। इस साझेदारी के तहत कंपनी ने अपने वेल्थ मैनेजमेंट और ब्रोकिंग बिजनेस को लॉन्च करने की योजना बनाई। ब्लैकरॉक के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने और भारत के एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री को बदलने के लिए स्थापित इस ज्वाइंट वेंचर का उद्देश्य डिजिटल-फर्स्ट इनवेस्टमेंट सॉल्यूशन प्रदान करना और भारतीय निवेशकों के लिए पहुंच को व्यापक बनाना है।
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज पिछले साल अगस्त में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक मार्केट कैप के साथ पब्लिक हुई थी। बीते शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में 0.73 फीसदी की गिरावट आई और यह स्टॉक BSE पर 327.20 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। वर्तमान में कंपनी का मार्केट कैप 2.07 लाख करोड़ रुपये हो गया है।