नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक ऐसा सर्कुलर जारी किया है जिससे न सिर्फ जीरोधा (Zerodha) जैसे ब्रोकरेज फर्म परेशान हैं, बल्कि इसका झटका स्टॉक मार्केट के निवेशकों को भी लग सकता है। जीरोधा के को-फाउंडर ने बुधवार को कहा कि एनएसई के सर्कुलर के चलते उसे अपना रेफरल प्रोग्राम बंद करना पड़ेगा। वहीं यह ट्रेडर्स और निवेशकों के लिए अतिरिक्त कमाई का तरीका था, जिससे उन्हें भी झटका लगेगा। एनएसई ने यह सर्कुलर पिछले हफ्ते जारी किया था जिसके तहत ब्रोकरेजेज फर्मों को रेफरल के लिए अपना रेवेन्यू साझा करने से रोक दिया गया है।
Zerodha यूजर्स को लगा झटका
एनएसई ने पिछले हफ्ते एक सर्कुलर जारी किया। इसमें रेफरल में ब्रोकरेज रेवेन्यू साझा करने से रोक दिया है। हालांकि अगर इंडिविजुअल एक्सचेंजों के पास रजिस्टर्ड है तो उसे रेफरल इंसेंटिव मिल सकता है। इसे लेकर जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने ट्वीट के जरिए कहा कि ब्रोकिंग बिजनेस को झटका लगेगा। इस सर्कुलर के चलते अब जीरोधा ने अपने रेफरल प्रोग्राम को बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अकाउंट रेफर करने पर जो 300 रिवार्ड प्वाइंट्स मिलते हैं, पह जारी रहेगा। इस रिवार्ड प्वाइंट्स को एएमसी या स्मॉलकेस, टिकरटेप, तिजोरी, एमप्रॉफिट और क्विको के लिए रिडीम कर सकते हैं।
NSE ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
एनएसई ने यह सर्कुलर निवेशकों की सुरक्षा के लिए जारी किया है। इसके जरिए एक्सचेंज ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सभी ट्रेडिंग एक्टिविटीज सेबी और एक्सचेंज के तय मानकों के हिसाब से हो रही हैं। ब्रोकरेज को साझा करने पर अंकुश लगाकर एनएसई अनऑथराइज्ड स्कीमों से जुड़े रिस्क को कम करना चाहता है और यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जो भी प्रमोशनल एक्टिविटीज हों, वह पारदर्शी हो और कानूनी दायरे में हो। एनएसई के सर्कुलर के तहत अब रजिस्टर्ड एंटिटीज ही रेफरल एक्टिविटीज में हिस्सा ले सकेंगी। इससे फिक्स्ड रिटर्न के दावे और अनऑथराइज्ड इनवेस्टमेंट प्लान पर रोक लगेगी।