नोएडा स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी Mphasis के शेयरों में आज 22 अगस्त को करीब 4 फीसदी तक की तेजी देखी गई। इस समय यह स्टॉक BSE पर 1.23 फीसदी की बढ़त के साथ 3073 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। वहीं, इंट्राडे में स्टॉक ने 3152.30 रुपये के अपने 52-वीक हाई को छू लिया। दरअसल, ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने इस शेयर को Buy रेटिंग के साथ अपग्रेड किया है। इस खबर के बीच आज कंपनी के शेयरों में जमकर खरीदारी देखी गई। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 58073.62 करोड़ रुपये हो गया है। स्टॉक का 52-वीक लो 2068.45 रुपये है।
Mphasis के शेयरों को Buy रेटिंग
ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने 22 अगस्त को एक नोट में कहा कि Mphasis के शेयर उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने शेयर की रेटिंग को अपग्रेड करके ‘Buy’ कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के कारण शेयर में उछाल आने वाला है। नुवामा नोट में कहा गया है, “हम Mphasis को एक ऐसे मोड़ पर देख रहे हैं, जहां पिछले दो सालों में इसके खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार फैक्टर के अब रिवर्स होने की संभावना है, जिससे बेहतर प्रदर्शन होगा।”
कितना है Mphasis के शेयरों के लिए टारगेट प्राइस
एनालिस्ट्स ने Mphasis के शेयरों के लिए ₹3500 का टारगेट प्राइस तय किया है। इसका मतलब है कि 21 अगस्त को NSE पर क्लोजिंग प्राइस से कंपनी के शेयरों में करीब 15 फीसदी से अधिक की तेजी की संभावना है।
ब्रोकरेज को Mphasis के बिजनेस में सुधार की उम्मीद
नुवामा ने कहा कि Mphasis के लिए दो साल निराशाजनक रहे, जिसमें FY23 में 7.8% और FY24 में 6.3% की रेवेन्यू ग्रोथ हुई है। इसमें कहा गया है कि FY25 में भी कंपनी की वृद्धि दर केवल मिड सिंगल डिजिट में रहने की संभावना है। अमेरिका में हाई इंटरेस्ट रेट के चलते फर्म के कम से कम दो सेगमेंट्स को नुकसान हुआ है – BFS, जो रेवेन्यू का 47% है, और मॉर्गेज बिजनेस, जो रेवेन्यू का 6% है। अब, नुवामा को उम्मीद है कि फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती से मॉर्गेज बिजनेस में सुधार होगा।
नुवामा ने यह भी कहा कि Mphasis का टॉप क्लाइंट एक BFS कॉर्पोरेट है, और इसने हाल ही में CY24 के लिए ऐतिहासिक रूप से हाई टेक खर्च की घोषणा की है। अपनी ब्रोकरेज रिपोर्ट में नुवामा ने कहा, “हमने हाल ही में Mphasis के CEO नितिन राकेश से मुलाकात की, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी किस तरह से AI स्पेस में अर्ली-मूवर लाभ हासिल करने के लिए बड़े कदम उठा रहा है। साथ ही, इसकी क्लाइंट-फोकस्ड स्ट्रेटेजी ने रेवेन्यू बेस को डायवर्सिफाई करने के साथ-साथ अपने क्लाइंट को और अधिक बेहतर बनाने में मदद की है।”
US फेड की ब्याज दरों में कटौती से शेयरों पर दिखेगा असर
जब अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इस कदम से बाजार में अधिक पैसा आता है। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के बाद लेंडिंग रेट्स में भी गिरावट आएगी। इससे बिजनेस की लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा, जिससे शेयर की कीमतों में तेजी आएगी। कई आईटी फर्मों के लिए रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है, और इसलिए अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती से क्लाइंट स्पेंडिंग में सुधार हो सकता है और भारतीय इक्विटी में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।