मशूहर निवेशक और लेखक रुचिर शर्मा ने स्टॉक मार्केट्स को लेकर बड़ी बात कही है। उनका मानना है कि शेयर बाजारों में आई तेजी का फायदा कुछ ही लोगों ने उठाया है। न्यूज18 से बातचीत में उन्होंने स्टॉक मार्केट और इकोनॉमी से जुड़े कई मसलों पर अपनी राय बताई। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल लोकसभा चुनावों के नतीजों पर बेरोजगारी और आर्थिक असमानता जैसे मसलों का असर पड़ा। इस साल लोकसभा चुनावों में बीजेपी को अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिली। हालांकि, वह दूसरे दलों के सहयोग से सरकार बनाने में कामयाब रही।
उन्होंने कहा, “रोजगार के मौके बढ़ाने की जरूरत है। अगर आप छोटे शेयरों में जाए तो वहां बड़ी संख्या में लोगों के पास स्मार्टफोन है। लेकिन उनके पास रोजगार नहीं है। इसका कुछ असर लोकसभा चुनावों के नतीजों पर दिखा है।” बेरोजगारी के मसले पर उन्होंने कहा कि इंडिया में स्टॉक मार्केट में जबर्दस्त तेजी है। लेकिन, इसका फायदा आबादी के एक छोटे हिस्से को ही मिल रहा है। हो सकता है कि 2-3 करोड़ लोग इससे मुनाफा कमा रहे हो, लेकिन 50-60 करोड़ लोगों को इससे क्यों फायदा नहीं हो रहा।
शर्मा ने इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस बढ़ाने से आबादी के बड़े हिस्से को फायदा हो सकता है। उन्होंने कहा, “रोजगार के मौके पैदा करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग अब भी पारंपरिक तरीका है। हालांकि, डिग्लोबलाइजेशन की वजह से इसकी गुंजाइश सीमित हो गई है। इसके बावजूद इंडिया की इकोनॉमी में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी मौजूदा स्तर पर क्यों अटकी रहनी चाहिए?” उन्होंने कहा कि हम इस मामले में काफी कुछ कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आंत्रप्रेन्योर्स को इंडिया में बिजनेस करने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
दूसरे देशों से इंडिया की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि इंडिया की जीडीपी में एफडीआई की हिस्सेदारी अब भी 1 फीसदी से कम है, जबकि चीन और वियतनाम में यह 3-4 फीसदी है। यह दिखाता है कि इसे बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। उन्होंने सरकार को आत्मसंतुष्टी से बचने और इकोनॉमिक रिफॉर्म्स पर फोकस बढ़ाने की सलाह दी।