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ओरिएंट टेक्नोलॉजीज का IPO आज ओपन होगा: 23 अगस्त तक बोली लगा सकेंगे निवेशक, मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹14,832

 

IT सॉल्यूशन प्रोवाइड करने वाली कंपनी ओरिएंट टेक्नोलॉजीज का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO आज ओपन होगा। निवेशक 23 अगस्त तक इसके शेयर्स के लिए बोली लगा सकेंगे। 28 अगस्त को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।

 

ओरिएंट टेक्नोलॉजीज इस इश्यू के जरिए 214.76 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी120 करोड़ रुपए के 5,825,243 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। वहीं कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए 94.76 करोड़ रुपए के 4,600,000 शेयर बेच रहे हैं। 28 अगस्त को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।

अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।

मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
ओरिएंट टेक्नोलॉजीज ने इस इश्यू का प्राइस बैंड 195 रुपए से 206 रुपए तक तय किया है। रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 72 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइस बैंड 206 रुपए के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,832 इन्वेस्ट करने होंगे।

वहीं, रिटेल निवेशक मैक्सिमम 13 लॉट यानी 936 शेयर्स के लिए अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से 1,92,816 रुपए इन्वेस्ट करने होंगे।

इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।

ओरिएंट टेक्नोलॉजीज की स्थापना 1997 में हुई थी
ओरिएंट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की स्थापना 1997 में हुई थी। कंपनी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सॉल्यूशंस प्रोवाइड करती है। कंपनी ने अपने बिजनेस वर्टिकल के भीतर स्पेशल एरिया के लिए प्रोडक्ट्स सॉल्यूशन बनाने का काम करती है। ओरिएंट का हेडक्वार्टर मुंबई में है।

IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

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