Hindustan Zinc Shares: हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही। सुबह 10.06 बजे, हिंदुस्तान जिंक के शेयर एनएसई पर लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 494.70 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। कंपनी की प्रमोटर वेदांता (Vedanta) ने ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के जरिए हिंदुस्तान जिंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया था। इसी के बाद से इसके शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी है। पिछले 4 दिनों में कंपनी का शेयर करीब 21 प्रतिशत गिर चुका है और अब यह 486 रुपये के अपने ऑफर फॉर सेल के फ्लोर प्राइस के करीब आ गया है। रिटेल निवेशकों के लिए वेदांता का ऑफर फॉर सेल (OFS) 19 अगस्त को खुला है। वहीं बाकी निवेशकों के लिए यह 16 अगस्त को खुल गया था।
अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली वेदांता 16 से 19 अगस्त तक चलने वाले ऑफर-फॉर-सेल के जरिए हिंदुस्तान जिंक में 3.17 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। इस ऑफर में 1.22 फीसदी का बेस साइज शामिल है, जिसमें ऑफर के ओवरसब्सक्राइब होने पर 1.95 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी बेचने का विकल्प भी शामिल है। कुल 3.17 फीसदी हिस्सेदारी को 486 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम भाव पर पेश किया गया है। इस भाव पर OFS की कुल वैल्यू करीब 6,000 करोड़ रुपये हो जाती है।
वेदांता ने 16 अगस्त को यह भी कहा कि वह अतिरिक्त हिस्सेदारी बिक्री के लिए मौजूदा ऑफर फॉर सेल (OFS) में 1.21 करोड़ इक्विटी शेयरों की सीमा तक ओवरसब्सक्रिप्शन के विकल्प का इस्तेमाल करेगी, जो कंपनी की कुल हिस्सेदारी का करीब 0.29 फीसदी हिस्सा होगा। जून तिमाही के अंत तक, वेदांता लिमिटेड के पास हिंदुस्तान जिंक में 64.92 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जबकि भारत सरकार के पास 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
वेदांता की इस हिस्सेदारी बिक्री से पहले ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में बताया कि कंपनी भारी कर्ज के बोझ को कम करने के लिए 2.5 अरब डॉलर तक जुटाने की कोशिशों में है। हिंदुस्तान जिंक में भी हिस्सेदारी बिक्री भी इसी योजना का हिस्सा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि वेदांता ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 8,500 करोड़ रुपये जुटाने के बाद, अब अपने स्टील बिजनेस को बेचने की योजना को रोक दिया है। मनीकंट्रोल ने जुलाई में एक रिपोर्ट में बताया था कि QIP से मिली आय का इस्तेममाल ओकट्री कैपिटल, ड्यूश बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के बकाए कर्ज को चुकाने में किया जाएगा