आईटी सेक्टर इस हफ्ते का सुपरस्टार रहा था। इस हफ्ते आईटी इंडेक्स 4.64 फीसदी की रैली दिखाई और छोटे-बड़े सभी तरह के शेयरों में बड़ी तेजी आई। कंपनियों ने अपने तिमाही नतीजे भी जारी कर दिए हैं। हालांकि किसी ने भी अच्छा गाइडेंस नहीं दिया हैं। बावजूद इसके इस सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है। दरअसल , US में ब्याज दरें घटने और मंदी की आशंका कम हुई है। बेरोजगारी भत्ते के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे हैं। जिसके कारण आईटी सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है। ऐसे में आगे इस सेक्टर की चाल कैसी रहेगी। आइए जानते है बाजार के दिग्गज एक्सपर्ट्स से।
मार्केट एक्सपर्ट सुनील सुब्रमणियम का कहना है कि आईटी सेक्टर को एक्यूमलेट करने का यह अच्छा मौका है। उनका कहना है कि आईटी एक साइक्लिकल सेक्टर नहीं है। पिछले कुछ दिनों से आई तेजी केवल कैचअप रैली है। क्योंकि पोस्ट कोविड के बाद से आईटी सेक्टर में जो गिरावट आई, वहां से यह सेक्टर थोड़ी धीमी रही है। जिसके बाद यह थोड़ा कैचअप हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि जिन सेक्टर में अब तक काफी तेजी आ चुकी है उन सेक्टर से मुनाफावसूली करके अब जिस सेक्टर में सेफ्टी नजर आ रही है उस सेक्टर में रिएलोकेशन होगा और डॉमेस्टिक फंड मैनेजर के फ्लो के अंदर आईटी सेक्टर उसका बेनिफिसरी सेक्टर होगा
सुनील सुब्रमणियम का कहना है कि छोटी अवधि में आईटी सेक्टर में अच्छी रैली की संभावना नजर आ रही है। हालांकि लंबी अवधि में यह देखना होगा कि यूएस की रिकवरी कितनी मजबूत है। जितना मजबूत इकोनॉमी डेटा आएगा उतना ही आईटी कंपनियों का डिमांड बढ़ता दिखेगा।
Roha Asset Managers के हेड इक्विटीज दलजीत सिंह कोहली का कहना है कि आईटी सेक्टर की उन कंपनियों पर हम फोकस कर रहे है जो कंपनी स्पेशिफिक काम ज्यादा करती है ना कि पूरे ओवरऑल आईटी सेक्टर पर। लेकिन अगर हम टॉप कंपनियों की बात करें तो अभी तक ज्यादा कोई बदलाव नहीं आया। बीते 1 साल पहले आईटी सेक्टर को लेकर जिस तरह से बूमबूम का सिनोरिया बना हुआ था वह कम हो गया है। जिसका मतलब साफ है कि मौजूदा स्तर से सेक्टर में और सुधार नजर आए।
उन्होंने आगे कहा कि फ्रंटलाइन आईटी सर्विसेस की बात करें तो हमने पिछले काफी समय से आईटी कंपनियों को अपने पोर्टफोलियों में नहीं रखा है क्योंकि सेक्टर से जुड़ी कंपनियां मार्केट परफॉर्मर ही रहेगी। क्योंकि आईटी कंपनियों के साइज इतने बड़े हो गए हैं और दूसरी बात यह है कि इस सेक्टर पर खबरों का रिएक्शन काफी तेजी से होता है। ऐसे में बहुत ज्यादा समय नहीं होता कि आप कुछ कर सकें। ऐसे में बेहतर रणनीति यह है कि इस सेक्टर की डेरिवेटिव या सेकेंड ऑर्डर्स कंपनियों में निवेश करें। ना कि फ्रंटलाइन कंपनियों में।
Research & Ranking के CIO जसप्रीत सिंह अरोड़ा का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर से बाहतर निकलकर देखें तो टेक्निकल प्वाइंट व्यू से दो ही सेक्टर पसंद आते थे पहला था एफएमसीजी। बजट और पोस्ट इलेक्शन से पहले एफएमसीजी सेक्टर ने अपना मूव दिखा दिया है। वहीं दूसरा था आईटी सेक्टर। आईटी ही एक ऐसा सेक्टर रहा है जो लॉर्ज सेक्टर रह गया है। यूएस इकोनॉमी पर आए आउटलुक और ब्याज दरों में कटौती के चलते इस सेक्टर में फिर से तेजी देखने को मिल रही है