म्यूचुअल फंड्स के सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) अकाउंट्स से जुलाई में टोटल 14,367 करोड़ रुपए की निकासी दर्ज की गई। यह म्यूचुअल फंड्स अकाउट्स से निकासी का अभी तक का सबसे ऊंचा स्तर है। निकासी का ट्रेंड बीते कई महीनों देखा जा रहा है। यह निवेश में ग्रोथ की तुलना में ज्यादा है।
आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी CEO फिरोज अजीज के मुताबिक, इस निकासी से पता चलता है कि बीते कई महीनों से लगातार मुनाफा कमाने के बाद निवेशकों ने बड़ी मात्रा में मुनाफा वसूली की है। वहीं बजट घोषणाओं से पैदा हुई अस्थिरता ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
जुलाई में SIP के जरिए ग्रॉस इन्वेस्टमेंट ₹23,332 करोड़
जुलाई में SIP के जरिए ग्रॉस इन्वेस्टमेंट 23,332 करोड़ रुपए रहा, जबकि शुद्ध निवेश 8,964 करोड़ रुपए ही था। शुद्ध निवेश ग्रॉस निवेश का केवल 38% था, जो दिसंबर 2023 के बाद सबसे कम है। जुलाई SIP डेटा चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देखे गए ट्रेंड का ही विस्तार है।
पहले छह महीनों में ग्रॉस इन्फ्लो 1.2 लाख करोड़ रुपए
2024 के पहले छह महीनों में ग्रॉस इन्फ्लो 1.2 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की समान अवधि से 41% ज्यादा है। हालांकि नेट SIP इन्फ्लो में केवल 25% की ग्रोथ के साथ 52,016 करोड़ रुपए रहा।
फोकस्ड फंडों से 8 महीने में 2700 करोड़ की निकासी
30 से कम शेयरों के पोर्टफोलियो का संचालन करने वाले फोकस्ड फंडों ने 8 में से 7 महीनों में निकासी दर्ज की है। कुल 2,700 करोड़ निकले। इसकी वजह कमजोर प्रदर्शन है।
- ये फंड फोकस्ड फंड्स से जुड़ी 1.5 लाख करोड़ रुपए की एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM का करीब 40% का मैनेजमेंट करते हैं।
- वैल्यू रिसर्च के आंकड़ो से पता चलता है कि 50% फंडों ने एक और तीन साल में बेंचमार्क (BSE 500) से बेहतर प्रदर्शन किया।
- इनमें से 41% फंड ही 5 वर्ष में बेंचमार्क रिटर्न को मात देने में कामयाब रहे।
- इन फंडों ने एक वर्ष की अवधि में 33.7 प्रतिशत का औसत रिटर्न दिया जबकि BSE-500 में इस दौरान 35.8% की तेजी आई।