Market this week :16 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में बाजार में तेजी देखने को मिली है। इस हफ्ते निफ्टी ने 0.72 फीसदी, सेंसेक्स ने 0.93 फीसदी और बैंक निफ्टी ने 0.02 फीसदी रिटर्न दिया है। मिडकैप इंडेक्स में 0.86 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.1 फीसदी की तेजी रही है। सेक्टर इंडेक्स की चाल पर नजर डालें तो आई में सबसे ज्यादा तेजी रही है। इस हफ्ते IT में 4.64 फीसदी, ऑटो ने 1.05 फीसदी। FMCG ने 0.16 फीसदी रिटर्न दिया है। वहीं, PSU बैंक इंडेक्स में सबसे ज्यादा 2.19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसके बाद PSE में 1.04 फीसदी, मेटल में 0.4 फीसदी, हेल्थकेयर में 0.41 फीसदी और फार्मा में 0.44 फीसदी की कमजोरी देखने को मिली है।
टेक महिंद्रा, इंफोसिस, HCLTECH, TCS, टाइटन, LTIMINDTREE, M&M और टाटा मोटर्स इस हफ्ते के टॉप गेनर रहे। इनमें 5.30 फीसदी से लेकर 2.88 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली। वहीं, दूसरी तरफ डिविस लैब, कोल इंडिया, डॉ. रेड्डीज, NTPC, APSEZ, अदाणी एंटरप्राइसेस, पावर ग्रिड, SBI लाइफ और HDFC लाइफ निफ्टी के टॉप लूजर रहे इनमें 4.06 फीसदी से 1.81 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।
बैंकिंग सेक्टर पर दिखा सबसे ज्यादा दबाव
बीते हफ्ते बैंकिंग शेयरों पर सबसे ज्यादा दबाव रहा। PSU बैंक इंडेक्स में सबसे ज्यादा 2.19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। बैंकों की डिपॉजिट ग्रोथ घटी है। बैंकों का CASA कम है। इनकी क्रेडिट ग्रोथ घटने की आशंका है। बैंकों की कॉस्ट बढ़ी है। जिसके कारण आगे इनके NIM पर दबाव रहने की आशंका है। यही वजह है जिसके चलते बैंक शेयरों पर दबाव देखने को मिल रहा है।
IT शेयरों में रही सबसे ज्यादा तेजी
बीते हफ्ते आईटी शेयर सबसे ज्यादा जोश में रहे। इस हफ्ते IT इंडेक्स में 4.64 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। आईटी में तेजी की वजह पर नजर डालें तो US में ब्याज दरें घटने की उम्मीद बढ़ी है। US में मंदी की आशंका कम हुई है। US में महंगाई काबू में दिख रही है और ये 3 फीसदी से नीचे चली गई है। यूएस में बेरोजगारी भत्ते के आंकड़े भी उम्मीद से बेहतर रहे हैं।
Market next week : अगले हफ्ते कैसी रह सकती है बाजार की चाल
कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि ब्रॉडर घरेलू इंडेक्सों ने हफ्ते का अंत बढ़त के साथ किया है। बीएसई सेंसेक्स, निफ्टी-50, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में साप्ताहिक आधार पर 1 फीसदी तक की बढ़त देखने को मिली है। सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो बीएसई आईटी और बीएसई रियल्टी इंडेक्स में साप्ताहिक आधार पर अच्छी बढ़त देखने को मिली।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यों को केंद्रीय शुल्कों के अलावा खनिजों पर कर और रॉयल्टी लगाने और पिछले बकाये को वसूलने की अनुमति दिए जाने के कारण बीएसई मेटल इंडेक्स में साप्ताहिक आधार पर गिरावट आई। वित्त वर्ष 2025 के पहली तिमाही के नतीजों के मौसम का समापन निफ्टी-50 इंडेक्स के नेट प्रॉफिट में 5.2 फीसदी के सालाना ग्रोथ के साथ हुई है। जुलाई 2024 में भारत की रिटेल महंगाई जून 2024 के 5.1 फीसदी से गिरकर 3.5 फीसदी पर आ गई है। अमेरिका में, जुलाई 2024 में सालाना हेडलाइन महंगाई 2.9 फीसदी रही। बाजार को उम्मीद है कि यूस फेड अब अपनी दरों में धीरे-धीरे कटौती करेगा। बाजार का ध्यान अब मैक्रो डेटा, मौद्रिक नीति एक्शन और भू-राजनीतिक घटनाओं पर रहेगा।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के संतोष मीना ने कहा की पहली तिमाही के कमजोर नतीजो, महंगे वैल्युएशन और हिंडनबर्ग मुद्दे से जुड़ी चिंताओं ने हाल ही में बाज़ार पर दबाव बनाया था। हालांकि, ग्लोबल भावना में सुधार के चलते बाजार में तेजी लौटी है। कई कारकों ने इस तेजी में योगदान दिया है। येन कैरी ट्रेड में उलटफेर का डर कम हो गया है। इसके अलावा उम्मीद से बेहतर रोजगार आंकड़ों के साथ-साथ मजबूत खुदरा बिक्री के आंकड़ों ने अमेरिका में मंदी की आशंका को कम कर दिया है। इसके अलावा बाजार अब ये मानकर चल रहा है कि यूएस फेंड सितंबर में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा। इससे निवेशकों का विश्वास और बढ़ गया है।
इन लेवल्स पर रहे नजर
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के विष्णु कांत उपाध्याय का कहना है कि तकनीकी रूप से, बाजार 21-डे ईएमए और 24,400-24,450 के महत्वपूर्ण रजिस्टेंस जोन से ऊपर निकल गया है, जहां भारी कॉल राइटिंग देखने को मिली है। विष्णु कांत उपाध्याय को उम्मीद है कि 24,800-24,850 के संभावित लक्ष्य के साथ अपट्रेंड जारी रहेगा। अगर निफ्टी में 24,350 की ओर कोई भी गिरावट आती है तो बाजार में नई खरीदारी देखने को मिल सकती है