Gold Loan: गोल्ड की कीमतों में आई हालिया उछाल का फायदा गोल्ड लोन कंपनियों को मिलता दिख रहा है। बड़ी संख्या में लोग अब गोल्ड लोन लेने का विकल्प चुन रहे हैं। क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2024 की तुलना में जून में गोल्ड लोन की मांग में 20% की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जून महीने के दौरान बांटे गए लोन की संख्या इसकी पिछली तिमाही के औसत मंथली लोन के मुकाबले 12 फीसदी अधिक रही। इस सेक्टर की एक प्रमुख कंपनी को छोड़ दें तो, यह ग्रोथ करीब 23 फीसदी है, जो इंडस्ट्री के औसत से अधिक है। इससे साफ पता चलता है कि गोल्ड लोन के प्रति लोगों को रुझान बढ़ा है।
गोल्ड लोन बांटने में NBFC सबसे आगे
रिपोर्ट के अनुसार, गोल्ड लोन बांटने में नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) सबसे आगे हैं। इस सेक्टर के कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में उनकी कुल हिस्सेदारी 90% है। सोने की कीमतों में आई हालिया उछाल से इन गोल्ड लोन देने वाली NBFC कंपनियों को और फायदा हुआ है। ये कंपनियां सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिमों को संभालने के लिए भी अच्छी स्थिति में हैं। इनमें से अधिकतर का लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो 60-65% है।
इसका मतलब यह है कि कंपनियां ग्राहक की प्रोफाइल के आधार पर सोने के मूल्य का केवल 60 से 65% राशि ही लोन के रूप में वितरित करती हैं। इससे चलते सरकार की ओर से इंपोर्ट ड्यूटी में की गई कटौती के बाद भी सोने की कीमतों में गिरावट के जोखिम को कम किया जा सकता है।
RBI के कैश लोन प्रतिबंधों का असर
क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि हालांकि गोल्ड लोन की मांग पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर कैश डिस्बर्टमेंट को लेकर आए हालिया सर्कुलर का विपरीत असर भी हो सकता है। RBI ने सलाह दी है कि 20,000 रुपये से अधिक के गोल्ड लोन, कैश में नहीं बल्कि बैंकिंग चैनलों के जरिए वितरित किए जाने चाहिए। इससे पहले, NBFC कंपनियां अपने ग्राहकों की सुविधा को देखते 95% गोल्ड लोन कैश में देती थीं। डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन की ओर बढ़ने से नए ग्राहकों के लिए लोन की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।