विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर जबरदस्त भरोसा है. पिछले एक साल में यानी अगस्त 2023 से अगस्त 2024 में अब तक FPI ने भारतीय बाजार में 64,824 करोड़ रुपए का निवेश किया है. डिपॉजिटरीज डेटा के अनुसार, FPI ने बीते एक साल में 1,82,965 करोड़ रुपए की खरीदारी की और वहीं, 1,18,141 करोड़ रुपए की बिकवाली की है. इस कैलेंडर ईयर की बात करें तो नेट आधार पर FPI ने शेयर बाजार में 14365 करोड़ रुपए का निवेश किया है.
अगस्त में अब तक 21201 करोड़ रुपए निकाले
नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के डेटा के मुताबिक, अब तक अगस्त में FPI का रुख बिकवाली का रहा है. विदेशी निवेशकों ने इक्विटी से 16 अगस्त तक 21201 करोड़ रुपए निकाले हैं. हालांकि, इस दौरान डेट मार्केट में 9112 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है.
महंगाई में कमी, हाई ग्रोथ रेट पॉजिटिव फैक्टर्स
विदेशी निवेशकों की ओर से अन्य बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार में निवेश के कई कारण हैं. जानकारों का कहना है कि अच्छी विकास दर, स्थिर सरकार, महंगाई में कमी आना, सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन रखना और भारत को कैपिटल मार्केट का हब बनाने की कोशिश करना शेयर बाजार में विदेशी निवेश बढ़ने की प्रमुख वजहें हैं.
इंडियन इकोनॉमी के ग्रोथ पर है भरोसा
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी. वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. भारत में महंगाई दर में भी लगातार कमी आ रही है. जुलाई में खुदरा महंगाई दर 3.54 फीसदी रही, जो कि जून में 5.08 फीसदी थी.
FPI इन्फ्लो बढ़ने के कई बड़े कारण हैं
मोजोपीएमएस के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, सुनील दमानिया का कहना है कि FPI निवेश बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. पहला, सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस कार्यकाल में भी सुधारों को जारी रखा जाएगा. दूसरा, चीन की अर्थव्यवस्था का गिरना, जिसका अंदाजा आप कॉपर की कीमतों से लगा सकते हैं, जो कि पिछले महीने 12 फीसदी कम हुई. तीसरा, FPI की ओर से कुछ ब्लॉक डील का भी की गई हैं.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)