Hindustan Zinc Shares: घरेलू मार्केट में आज खरीदारी का माहौल है लेकिन दूसरी तरफ हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में बिकवाली का भारी दबाव है। आज इंट्रा-डे में इसके शेयर करीब 8 फीसदी टूट गए। इसके शेयरों में बिकवाली का यह दबाव इसकी पैरेंट कंपनी वेदांता के ऑफर फॉर सेल इश्यू के चलते है। वहीं दूसरी तरफ वेदांता के शेयर 2 फीसदी से अधिक उछल गए। हिंदुस्तान जिंक के शेयर फिलहाल BSE पर 8.09 फीसदी की गिरावट के साथ 526.60 रुपये और वेदांता के शेयर 1.13 फीसदी की बढ़त के साथ 424.80 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में हिंदुस्तान जिंक 8.32 फीसदी टूटकर 525.30 रुपये और वेदांता 2.39 फीसदी उछलकर 430.10 रुपये पर पहुंच गया था।
Hindsustan Zinc पर Vedanta के ऑफर ने कैसे बनाया दबाव?
हिंदुस्तान जिंक की प्रमोटर वेदांता ऑफर फॉर सेल के तहत इसकी 3.17 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। यह इश्यू खुल चुका है। यह इश्यू आज खुला है और 19 अगस्त तक खुला रहेगा। नॉन-रिटेल इनवेस्टर्स के लिए यह इश्यू आज खुला है लेकिन खुदरा निवेशकों के लिए यह 19 अगस्त को खुलेगा। इसके तहत वेदांता 1.22 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है लेकिन ओवरसब्सक्रिप्शन की स्थिति में 1.95 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री और होगी यानी कि कुल 3.17 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर शेयर वेदांता बेच रही है। इस इश्यू का हिंदुस्तान जिंक के शेयरों पर झटका इसलिए दिख रहा है क्योंकि इसके लिए शेयरों का भाव 486 रुपये फिक्स किया गया है जोकि पिछले कारोबारी दिन के क्लोजिंग प्राइस से 15 फीसदी डिस्काउंट पर है। हिंदुस्तान जिंक के शेयरहोल्डिंग डेटा के मुताबिक इसमें सरकार की 29.54 फीसदी और वेदांता की 64.92 फीसदी हिस्सेदारी है।
ऑफर फॉर सेल क्यों लेकर आई है वेदांता?
वेदांता कुछ समय से पैसे जुटा रही है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी अपने कर्ज को हल्का करने के लिए 250 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में कंपनी ने शेयरों के क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 8500 करोड़ रुपये जुटाने के बाद अपने स्टील कारोबार को बेचने की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी। जुलाई में मनीकंट्रोल ने खुलासा किया था कि वेदांता की योजना QIP से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल ओकट्री कैपिटल, ड्यूश बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का कर्ज चुकाने में होगा। जून तिमाही के आखिरी में हिंदुस्तान जिंक पर 11,178 करोड़ रुपये का कर्ज था और इसे मिलाकर वेदांता ग्रुप का कुल कर्ज 78,016 करोड़ रुपये था।