Hindustan Zinc OFS: माइनिंग कंपनी वेदांता (Vedanta) ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए हिंदुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी कम करने जा रही है। कंपनी ने फैसला किया है कि वह अब अपनी सब्सिडियरी के 13.37 करोड़ शेयर बेचेगी, जो कि 3.17 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक OFS के लिए फ्लोर प्राइस ₹486 प्रति शेयर तय किया गया है, जो बुधवार को हिंदुस्तान जिंक के क्लोजिंग प्राइस से 15% डिस्काउंट पर है। OFS के फ्लोर प्राइस पर बेचे गए 13.37 करोड़ शेयरों से वेदांता को ₹6500 करोड़ की राशि मिलेगी।
इसके पहले मंगलवार को अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनी ने घोषणा की थी कि वह OFS के जरिए हिंदुस्तान जिंक में 11 करोड़ शेयर या कुल इक्विटी का 2.6 फीसदी बेचने की योजना बना रही है।
Hindustan Zinc OFS से जुड़ी डिटेल
यह OFS 16 अगस्त को खुलेगा और 19 अगस्त को बंद हो जाएगा। OFS का बेस साइज 5.14 करोड़ शेयर या कुल इक्विटी का 1.22 फीसदी है, साथ ही अतिरिक्त 8.23 करोड़ शेयर या कुल इक्विटी का 1.95% बेचने का विकल्प भी है। हिंदुस्तान जिंक का OFS नॉन-रिटेल निवेशकों के लिए 16 अगस्त को और रिटेल निवेशकों के लिए 19 अगस्त को खुलेगा।
Hindustan Zinc डिविडेंड पर जल्द लेगी फैसला
एक अलग एक्सचेंज फाइलिंग में हिंदुस्तान जिंक ने घोषणा की कि वह 20 अगस्त को अपनी बोर्ड मीटिंग में दूसरे अंतरिम डिविडेंड पर फैसला लेगी। जून तिमाही के अंत तक वेदांता के पास हिंदुस्तान जिंक में 64.92 फीसदी हिस्सेदारी है।
वेदांता ने हाल ही में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से जुटाए गए ₹8500 करोड़ का उपयोग करके अपनी सब्सिडियरी कंपनी के कुछ गिरवी रखे शेयरों को जारी किया था। हिंदुस्तान जिंक के लिए OFS का मतलब होगा कि कंपनी का फ्री फ्लोट, जो वर्तमान में केवल 2.5 फीसदी है, वेदांता द्वारा शेयर बेचने के बाद लगभग 6 फीसदी हो जाएगा।
Hindustan Zinc में किसकी कितनी हिस्सेदारी?
वेदांता की 64.92% हिस्सेदारी के अलावा हिंदुस्तान जिंक में सरकार की 29.54%, LIC की 2.76% और भारत के म्यूचुअल फंड की सिर्फ 0.06% हिस्सेदारी है। स्मॉल शेयरहोल्डर्स, या जिनकी ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल ₹2 लाख से कम है, उनके पास हिंदुस्तान जिंक में सिर्फ़ 1.51% हिस्सेदारी है। जून तिमाही तक ऐसे 4.33 लाख शेयरधारक हैं।