तिमाही आधार पर (QoQ) बात की जाए तो कंपनी ने पिछली तिमाही (Q4FY24) में 4308.68 करोड़ रुपये का नेट मुनाफा दर्ज किया था। इस लिहाज से देखा जाए तो पिछली तिमाही के मुकाबले इसके मुनाफे में करीब 200 फीसदी की गिरावट आई है।
सालाना आधार पर रेवेन्यू बढ़ा मगर पिछली तिमाही के मुकाबले धड़ाम
शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-जून तिमाही में उसका ऑपरेशन से रेवेन्यू (HAL Q1 Revenue) 11 फीसदी बढ़कर 4347.50 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि (Q1FY24) में यह 3915.35 करोड़ रुपये रहा था। जबकि मार्च तिमाही (Q4FY24) में HAL का रेवेन्यू 14768.75 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही आधार पर कंपनी के रेवेन्यू में करीब 240 फीसदी की गिरावट आई है।
कुल आय और खर्च में भी सालाना आधार पर बढ़ोतरी, मगर तिमाही दर तिमाही प्रदर्शन खराब
चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में HAL की कुल आय (total income) लगभग 18 फीसदी बढ़कर 5083.85 करोड़ रुपये हो गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह 432 5.29 करोड़ रुपये थी। जबकि, मार्च तिमाही में (Q1FY24) में HAL की टोटल इनकम 15326.06 करोड़ रुपये रही थी। पिछली तिमाही से तुलना करें तो इसमें भी करीब 200 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह HAL के कुल खर्च (Total expenses) की बात की जाए तो यह जून तिमाही में मामूली रूप से बढ़कर 3,506 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की समान तिमाही में यह 3239 करोड़ रुपये रहा था। जबकि, पिछली तिमाही में कंपनी ने 9542.87 करोड़ रुपये का कुल खर्च दर्ज किया था।
मल्टीबैगर स्टॉक HAL की शेयर प्राइस में गिरावट
HAL के शेयर प्राइस (HAL share price) आज रिजल्ट आने के बाद भी लाल निशान में ही दिखी। कंपनी के शेयर NSE पर 0.90 % की गिरावट के साथ 4,658.90 रुपये पर बंद हुए। इंट्रा डे ट्रेड के दौरान इसके शेयर 4,811.50 के हाई और 4,593.75 के लो लेवल तक ट्रेड किए थे।
मल्टीबैगर स्टॉक HAL के शेयरों ने निवेशकों को जबरदस्तरिटर्न दिया है। एक साल में कंपनी के शेयरों से निवेशकों को 139% का मुनाफा हुआ है। जबकि 3 साल में इसके शेयरों ने 772% का रिटर्न दिया है।
क्या करती है HAL, जानें इसके बारे में
सरकारी कंपनी एचएएल फाइटर जेट की मैन्युफैक्चरिंग और रखरखाव करती है। HAL भारत की कई उन कंपनियों में से एक है जिसकी बदौलत सरकारी पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी हुई है और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को भारत में सफल बनाने का फायदा मिला है। कंपनी सैन्य विमान, हेलीकॉप्टर और इंजन बनाती है, और रखरखाव और मेंटिनेंस की सर्विस भी प्रदान करती है। इनका मेंटिनेंस ही कंपनी का सबसे बड़ा बिजनेस है। मार्च तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू का 72 फीसदी हिस्सा इसी बिजनेस से आता था। इस साल अप्रैल में कंपनी को रक्षा मंत्रालय से भारतीय वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (LCA Mk-1A) तेजस बनाने का ऑर्डर मिला था। इसकी लागत करीब 67,000 करोड़ रुपये बताई गई थी।