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Unicommerce eSolutions IPO Listing: लिस्टिंग पर ही पैसे डबल, ऑफर फॉर सेल इश्यू होने के बावजूद शेयरों की ग्रैंड एंट्री

Unicommerce eSolutions IPO Listing: लेंसकार्ट, जिवामी, मामाअर्थ, सेलो इत्यादि को सर्विसेज मुहैया कराने वाली यूनीकॉमर्स सॉल्यूशंस के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 168 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 108 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 230.00 रुपये और NSE पर 235.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को करीब 118 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Unicommerce eSolutions Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह 256.15 रुपये (Unicommerce eSolutions Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 137.18 फीसदी मुनाफे में हैं।

Unicommerce eSolutions IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज का ₹276.57 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 6-8 अगस्त तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 168.35 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 138.75 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 252.46 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 130.99 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी हुआ है और 1 रुपये की फेस वैल्यू वाले 2,56,08,512 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा यानी कंपनी को आईपीओ का कोई पैसा नहीं मिलेगा।

Unicommerce eSolutions के बारे में

वर्ष 2012 में बनी यूनीकॉमर्स ईसॉल्यूशंस एक सॉफ्टवेयर-ऐज-अ-प्लेटफॉर्म है जो ब्रांड्स, सेलर्स और लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर्स के ई-कॉमर्स कारोबार को मैनेज करती है। इसके प्रोडक्ट्स की बात करें तो इसमें वेयरहाउस और इंवेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम, मल्टी-चैनल ऑर्डर मैनेजमेंट सिस्टम, ओमनीचैनल रिटेल मैनेजमेंट सिस्टम, सेलर मैनेजमेंट पैनल, लॉजिस्टिक्स ट्रैकिंग और कूरियर एलोकेशन और पेमेंट रीकांसिलेशन सिस्टम शुमार हैं। इसके क्लाइंट्स लेंसकार्ट, जिवामी, मामाअर्थ, सेलो इत्यादि हैं। भारत के बाहर भी इसका कारोबार फैला हुआ है और इसके क्लाइंट्स 7 देशों की 43 कंपनियां भी हैं।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 6.01 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 6.48 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 13.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 33 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 109.43 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

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