एचडीएफसी बैंक शेयर रणनीति: एमएससीआई ने अगस्त में भार में अपेक्षा से कम वृद्धि की। इस कारण आज एचडीएफसी बैंक के शेयर में 3.5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई।विश्लेषकों का मानना है कि दीर्घावधि निवेशक एमएससीआई के बदलाव के बावजूद इस शेयर को बनाए रख सकते हैं, क्योंकि यह ऋणदाता भारत में सबसे बड़े बैंकों में से एक है। हालांकि अल्पावधि में निवेशकों को शेयर सपाट रह सकता है और उसमें थोड़ी बहुत घट-बढ़ हो सकती है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में बैंकिंग सेक्टर पर नजर रखने वाले शोध विश्लेषक एन्विन एबी जॉर्ज ने कहा, ‘एमएससीआई से जुड़ी खबर के बाद शेयर में शुरुआती नकारात्मक प्रतिक्रिया काफी हद तक कारोबारियों की प्रतिक्रिया थी और शेयर में सुधार आएगा क्योंकि यह घोषणा सकारात्मक है, भले ही भारांक प्रतिशत में कुछ भी बदलाव किया गया हो। हालांकि, अल्पावधि में इस शेयर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि एचडीएफसी बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं जिससे अगली कुछ तिमाहियों में इसके मार्जिन पर असर पड़ सकता है।’
मंगलवार को एचडीएफसी बैंक का शेयर बीएसई पर दिन के कारोबार में 3.6 प्रतिशत गिरकर 1,601 रुपये पर आ गया था। आखिर में यह 3.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,603.6 रुपये पर बंद हुआ और सेंसेक्स के नुकसान में आधा से ज्यादा योगदान इसी शेयर का रहा। सेंसेक्स 693 अंक (0.87 प्रतिशत) गिरकर 78,956 पर बंद हुआ।
एचडीएफसी बैंक के शेयर में गिरावट एमएससीआई की उस घोषणा के बाद हुई है, जिसमें कहा गया कि एचडीएफसी बैंक का भार धीरे-धीरे दो चरणों में बढ़ाकर पूरे एक वेटेज तक किया जाएगा। 30 अगस्त को होने वाले बदलाव में इसमें केवल 25 आधार अंक की वृद्धि की जाएगी जबकि बाजार ने 50 आधार अंक वृद्धि का अनुमान जताया है।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च के अनुसार वेटेज में मौजूदा वृद्धि से एचडीएफसी बैंक के शेयर में 1.8 अरब डॉलर का निवेश प्रवाह आ सकता है जो करीब 9.3 करोड़ शेयरों के बराबर है।
विश्लेषकों का कहना हे कि नवंबर की समीक्षा में एचडीएफसी बैंक की भार वृद्धि विदेशी स्वामित्व से जुड़ी है। अगस्त समीक्षा के बाद पूंजी प्रवाह अनुमान से कम है जिससे शेयर पर दबाव दिखा है।