Firstcry IPO Listing: शिशुओं, बच्चों और माताओं से जुड़े प्रोडक्ट्स बेचने वाली फर्स्टक्राई की पैरेंट कंपनी ब्रेनबीज सॉल्यूशंस (Brainbees Solution) के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 12 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 465 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 625.00 रुपये और NSE पर 651.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को करीब 40 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Firstcry Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह 695.00 रुपये (Firstcry Share Price) पर पहुंच गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 49.46 फीसदी मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक फायदे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर 44 रुपये के डिस्काउंट पर मिला है।
Firstcry IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
फर्स्टक्राई का ₹4,193.73 करोड़ का आईपीओ 6-8 अगस्त तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 12.22 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 19.30 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 4.68 गुना, खुदरा निवेशकों का हिस्सा 2.31 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 6.57 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 1,666.00 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 5,43,59,733 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है।
ऑफर फॉर सेल का पैसा शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी ‘बेबीहग’ ब्रांड के तहत मॉडर्न स्टोर खोलने, भारत में वेयरहाउस बनाने, मौजूदा स्टोर्स के लीज पेमेंट, सेल्स और मार्केटिंग, टेक और डेटा साइंस, अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी। इसके अलावा इन पैसों को सब्सिडियरी डिजिटल ऐज में भी निवेश किया जाएगा ताकि यह फर्स्टक्राई समेत अन्य ब्रांड्स के के नए मॉडर्न स्टोर्स खोल सके और साथ ही मौजूदा स्टोर्स के लीज का पेमेंट कर सके। कुछ पैसा सब्सिडियरी ग्लोबलबीज ब्रांड्स को भी मिलेगा ताकि यह अपनी सब्सिडियरीज में और हिस्सेदारी खरीद सके।
Brainbees Solutions के बारे में
वर्ष 2010 में बनी ब्रेनबीज सॉल्यूशंस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फर्स्टक्राई के जरिए शिशुओं, बच्चों और माताओं से जुड़े प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो पिछले तीन वित्त वर्षों से यह लगातार घाटे में है लेकिन रेवेन्यू लगातार बढ़ा है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 78.69 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 486.06 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2024 में घाटा कुछ कम हुआ और यह 321.51 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 61 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 6,575.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।