टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) में केंद्र सरकार हिस्सेदारी बेचेगी या नहीं, इस पर सरकार की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, इस खबर से शेयर बाजार में हड़कंप मच गया है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को बीएसई इंडेक्स पर यह शेयर 15.48 रुपये पर बंद हुआ। एक दिन पहले के मुकाबले शेयर में 3.31% की गिरावट दर्ज की गई।
कंपनी का आया बयान
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि कंपनी में अपनी हिस्सेदारी के बारे में केंद्र को तय करना है कि उसे क्या करना है। इस संबंध में कंपनी के हाथ में कुछ नहीं है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने संभवत: टेलीकॉम कंपनी में हिस्सेदारी बेचने के लिए कुछ सरकारी फंड्स से सुझाव मांगे हैं।
कंपनी सीईओ ने क्या कहा
वोडाफोन आइडिया के पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम के दौरान सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि शुल्क दर बढ़ोतरी के बाद से कंपनी के कुछ ग्राहक बीएसएनएल का रुख कर रहे हैं। कंपनी स्थिति पर नजर रख रही है। हालांकि, उनका मानना है कि वोडाफोन आइडिया के 4जी कवरेज को देखते हुए, शुल्क दर में वृद्धि के आधार पर ‘पोर्ट आउट’ यानी दूसरी कंपनी में जाने को लेकर लिए गए त्वरित निर्णय अंततः कायम नहीं रह सकते हैं।
हमारी सरकार से कोई बात नहीं हुई
मीडिया में आई इस खबर के बारे में कि सरकार संभवत: यह पता लगा रही है कि क्या सरकारी संपत्ति कोष कंपनी में उसकी हिस्सेदारी लेने के इच्छुक होंगे, मूंदड़ा ने कहा- हमारी इस बारे में सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है। हमें यही कहना है कि एक सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में वे अपने निवेश के संबंध में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि सुधार पैकेज की घोषणा इस उद्देश्य से की गई थी कि कंपनी को सहायता उपलब्ध कराने की जरूरत है और सरकार स्पष्ट रूप से क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों के पक्ष में रही है। बकाया राशि को इक्विटी में बदलना कंपनी के बही-खाते को समर्थन करने का एक साधन था।
हाल में शुल्क दर बढ़ाने के जमीनी स्तर पर प्रभाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हालांकि इस बारे में अभी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह तथ्य है कि इस बार शुरुआती मूल्य में वृद्धि न्यूनतम रही है, ऐसे में ग्राहकों के कंपनी छोड़कर जाने की दर कम होनी चाहिए।
कैसे रहे तिमाही नतीजे
वोडाफोन आइडिया ने सोमवार को वित्तीय परिणाम जारी किए। इसके अनुसार कर्ज में फंसी टेलीकॉम कंपनी का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घाटा कम होकर 6,432.1 करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी के 4जी ग्राहकों की संख्या बढ़ने से उसके घाटे में कमी आई है। जून तिमाही में राजस्व सालाना आधार पर 1.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,508 करोड़ रुपये रहा।