वोडाफोन आइडिया के CEO अक्षय मूंदड़ा का कहना है कि सोवरेन फंडों को अपनी हिस्सेदारी बेचने को लेकर कंपनी सरकार से कोई बात नहीं कर रही है। मूंदड़ा ने एनालिस्ट्स के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमारी इस सिलसिले में सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई है और हमारा कहना है कि सरकार पब्लिक शेयरहोल्डर के तौर पर अपने निवेश के मामले में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। यह एक अलग विषय है। ‘
एक अखबार ने पिछले हफ्ते खबर दी थी कि सरकार कंपनी में 23.8 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदने के लिए सोवरेन वेल्थ फंड्स का विकल्प खंगाल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी और सिंगापुर के टेमासेक से संपर्क किया गया है।
हालांकि, सरकार की कोशिशें अभी शुरुआती दौर में हैं। मूंदड़ा का कहना था, ‘ मैं इसमें सिर्फ एक चीज जोड़ना चाहूंगा कि सरकार अपनी शेयरहोल्डिंग को जारी रखे या इसे डायवर्ट करे या कुछ और करे, यह उनकी नीति का मामला है। एक कंपनी के तौर पर हमें इस सिलसिले में कोई जानकारी नहीं है। ‘
वोडाफोन आइडिया की कुल प्रमोटर होल्डिंग 38.2 पर्सेंट है। इसमें आदित्या बिड़ला ग्रुप की हिस्सेदारी 15.2 पर्सेंट है, जबकि वोडाफोन ग्रुप का हिस्सा 23.2 पर्सेंट है। कंपनी में इंस्टीट्यूशनल होल्डिंग 20.1 पर्सेंट है, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल होल्डिंग 17.9 पर्सेंट हैं। एक टॉप एग्जिक्यूटिव ने बताया कि सरकार का फोकस तीन मजबूत प्राइवेट ऑपरेटर्स रखने पर है।
30 जून 2024 के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया के पास सरकार का 2.09 लाख करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें डेफर्ड स्पेक्ट्रम पेमेंट के मद में 1.39 लाख करोड़ रुपये बकाया है, जबकिAGR लाइबिलिटी 70,320 करोड़ रुपये है। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू ((AGR) संबंधी बकाया को लेकर अदालत के एक पुराने आदेश के खिलाफ कंपनी की क्यूरेटिव याचिका के बारे में मूंदड़ा का कहना था कि कंपनी को इस मामले की खुली सुनवाई का इंतजार है।