जॉन अब्राहम की नई फिल्म वेदा, 15 अगस्त को रिलीज हो रही है। इसमें वह शर्वरी, अभिषेक बनर्जी और तमन्ना भाटिया के साथ दिखेंगे। आज एक पॉपुलर एक्टर और प्रोड्यूसर बन चुके जॉन कभी केवल 6500 रुपये कमाते थे। इतना ही नहीं दोपहर के खाने पर 6 रुपये खर्च करते थे। हाल ही में रणवीर अल्लाहबादिया के साथ एक पॉडकास्ट में उन्होंने अपने जीवन और करियर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
शुरुआती दिनों को याद करते हुए जॉन ने पॉडकास्ट में बताया कि एमबीए पूरा करने के बाद वह मीडिया प्लानर बने और उन्हें 6,500 रुपये महीने की सैलरी मिलती थी। इसके बाद उन्हें ग्लैडरैग्स प्रतियोगिता में भाग लेने का प्रस्ताव मिला, जिसमें जज शाहरुख खान, गौरी खान, करण जौहर, करण कपूर थे। जॉन ने वह कॉम्पिटीशन जीता और उन्हें 40,000 रुपये मिले। उस वक्त जॉन की टेक होम सैलरी 11,500 रुपये हो चुकी थी।
पॉडकास्ट में जब जॉन से पूछा गया कि वह अपनी सैलरी कैसे खर्च करते थे तो उन्होंने बताया, “मेरे खर्चे बहुत कम थे। मेरा दोपहर का खाना 6 रुपये का होता था और मैं 2 चपाती और दाल फ्राई खाता था। यह 1999 की बात है। मैं रात का खाना नहीं खाता था क्योंकि मुझे ऑफिस में देर तक काम करना पड़ता था। मेरे खर्चों में मेरी बाइक का पेट्रोल था, मोबाइल नहीं था, मेरे पास ट्रेन का पास था और जो थोड़ा-बहुत खाना होता था, बस इतना ही था। मैं अपना पैसा बचाकर इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड्स में निवेश करता था। यहीं से मेरे करियर की शुरुआत हुई।”
‘औकात’ से ज्यादा फीस नहीं करता हूं चार्ज
जॉन अब्राहम ने अपनी फीस को लेकर भी बात की। उन्होंने बताया, ‘एक एक्टर के तौर पर मेरी फीस फिल्म पर बोझ नहीं डालती। मुझे लगता है कि अगर फिल्म पैसा कमाती है, तो मैं भी कमाऊंगा। मैं फिल्म पर किसी तरह का बोझ नहीं डालना चाहता। तो मेरी जो औकात है, जो मेरा स्टैंडर्ड है, मैं उसी के हिसाब से फिल्में बनाता हूं। मुझे अपने कॉन्टेंट पर गर्व है।’
जॉन सिर्फ पैसा कमाने में नहीं बल्कि उसे जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करने में यकीन रखते हैं। उनका मानना है कि पैसा कमाना अच्छी बात है। पैसा कमाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि आप उस पैसे का क्या कर रहे हैं। कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी इसीलिए बनाई गई है ताकि लोगों को कुछ पैसे दान में देने के लिए कहा जा सके।