अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी-वेदांता लिमिटेड ने हिंदुस्तान जिंक की 2.6 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग को बेचने के लिए ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) की घोषणा की है। वेदांता ने बताया कि निदेशकों की समिति ने हिंदुस्तान जिंक के अधिकतम 11 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री को मंजूरी दी है, जो कंपनी के 2.60 प्रतिशत शेयर के बराबर हैं। जून महीने के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो 64.92 फीसदी हिस्सेदारी प्रमोटर्स के पास है। वहीं, पब्लिक शेयरहोल्डिंग 35.08 फीसदी की है। प्रमोटर- वेदांता लिमिटेड के पास कंपनी के 64.92 फीसदी या 2,74,31,54,310 शेयर हैं।
हिंदुस्तान जिंक के तिमाही नतीजे
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक का मुनाफा 19.3 प्रतिशत बढ़कर 2,345 करोड़ रुपये हो गया है। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 1,964 करोड़ रुपये रहा था। हिंदुस्तान जिंक ने कहा कि उसकी आमदनी जून तिमाही में बढ़कर 8398 करोड़ रुपये हो गई है, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7564 करोड़ रुपये थी। हिंदुस्तान जिंक दुनिया में दूसरी बड़ी जिंक उत्पादक और तीसरी बड़ी चांदी उत्पादक है। कंपनी 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है। भारत में प्राथमिक जस्ता बाजार में कंपनी की लगभग 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कितना है कर्ज
30 जून तक हिंदुस्तान जिंक ने अपने बही-खातों पर 11,178 करोड़ रुपये का कर्ज बताया, जिससे वेदांता समूह का कंसोलिडेटेड कर्ज 78,016 करोड़ रुपये हो गया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, वेदांता समूह के कर्ज को कम करने में मदद के लिए 2.5 बिलियन डॉलर का फंड जुटाने की योजना बना रही है। इस कंपनी ने शेयरों के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 8,500 करोड़ रुपये जुटाने के बाद अपने स्टील कारोबार को बेचने की योजना को रोक दिया है। अनिल अग्रवाल की वेदांता ने ओकट्री कैपिटल, डॉयचे बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर बकाया कर्ज चुकाने के लिए क्यूआईपी आय का उपयोग करने की योजना बनाई है।