हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) एक बार फिर सुर्खियों में है। 24 जनवरी, 2023 को यह तब चर्चा में आई थी, जब इसने ‘अदाणी ग्रुप: हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉरपोरेट हिस्ट्री’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट कदाचार और शेयर-कीमत में हेरफेर का आरोप लगाया गया था। अब इसी की एक आगे की कड़ी के तौर पर 10 अगस्त 2024 को हिंडनबर्ग ने एक नई रिपोर्ट जारी की, जिसमें आरोप है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास उन दो अस्पष्ट विदेशी कोषों यानि ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल अदाणी समूह में पैसों की कथित हेराफेरी में किया गया।
आखिर क्या है यह हिंडनबर्ग? क्या काम करती है? क्या अदाणी ग्रुप के अलावा किसी और पर भी रिपोर्ट ला चुकी है? और इस हिंडनबर्ग नाम का मतलब क्या है? ऐसे ही सवालों के जवाब हम इस रिपोर्ट में लेकर आए हैं।
क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?
हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी निवेश कंपनी है। इसे नाथन एंडरसन नाम के एक बिजनेसमैन ने साल 2017 में शुरू किया था। कंपनी दावा करती है कि वह फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च में एक्सपर्ट है और दशकों का अनुभव रखती है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार यह असामान्य सूत्रों से मिली जानकारियों के आधार पर शोध करती है, ऐसी जानकारियां जिन्हें ढूंढना बेहद मुश्किल होता है। एंडरसन इस कंपनी की शुरुआत करने से पहले Harry Markopolos के साथ भी काम चुके हैं, जिन्होंने Bernie Madoff की पोंजी स्कीम का पर्दाफाश किया था। एंडरसन, हैरी को अपना रोल मॉडल बताते हैं।
पहले भी कई कंपनियों पर ला चुकी है रिपोर्ट
अब तक हिंडनबर्ग रिसर्च ऐसी दर्जनों रिपोर्ट जारी कर चुकी है, जिसमें उसने किसी न किसी तरह का खुलासा किया है, जिससे कई कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूटे, जैसे कि अदाणी की कंपनियों के शेयर। WINS Finance, China Metal Resources Utilization, HF Foods और Riot Blockchain के खिलाफ भी इसकी रिसर्च रिपोर्ट जारी हो चुकी हैं। वेबसाइट पर अदाणी ग्रुप समेत अलग-अलग कंपनियों की कुल 19 रिपोर्ट मौजूद हैं।
2020 में हिंडनबर्ग ने अमेरिकी ट्रक मेकर निकोला और सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर में अपना स्टेक बेचा था। इससे उन दोनों कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। Nikola एक इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी थी, जिसने निवेशकों को अपने नए व्हीकल्स के बारे में बताते हुए ठगा था, जबकि हकीकत में उसके पास गाड़ियां थीं ही नहीं।
हिंडनबर्ग नाम का मतलब
कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार यह नाम एक डिजास्टर यानि त्रासदी पर बेस्ड है। कंपनी का मानना है कि उस डिजास्टर को टाला जा सकता था। वाकया साल 1937 में जर्मनी में हिटलर राज से जुड़ा है। कमर्शियल पैसेंजर प्लेन ‘हिंडनबर्ग एयरशिप’ या LZ 129 Hindenburg 6 मई 1937 को लगभग 100 लोगों को लेकर जा रहा था। कहा जाता है कि यह उस दौर का सबसे बड़ा कमर्शियल प्लेन था। हिंडनबर्ग एयरलाइंस का यह प्लेन जर्मनी से अमेरिका के लिए उड़ा और न्यू जर्सी के मैनचेस्टर में हादसे का शिकार हो गया था। प्लेन जब न्यूजर्सी के ऊपर पहुंचा तो अचानक तेज धमाका हुआ। नीचे खड़े लोगों ने देखा कि आसमान में आग के गोला जैसा कुछ उड़ रहा है।
30 सेकंड से भी कम वक्त में यह जमीन पर आ गिरा। इस हादसे में करीब 37 लोगों की मौत हुई थी। हाइड्रोजन से भरे एयरशिप में करीब 100 लोगों को बैठाया गया था और हाइड्रोजन बेहद जल्दी आग पकड़ने वाली गैस है। ऐसा तब किया किया गया, जबकि इसी तरह के दर्जनों छोटे-मोटे हादसे पहले भी हो चुके थे। ऐसे में हिंडनबर्ग एयरशिप के हादसे को टाला जा सकता था।
कंपनी का नाम इसी हादसे से जोड़कर रखा गया क्योंकि उसका मकसद शेयर बाजार में वित्तीय हादसे से लोगों को बचाना है। Hindenburg की वेबसाइट पर नजर डालें तो पता लगता है कि यह कंपनी शेयर बाजार में हो रहे गोलमाल और गड़बड़ियों पर निगरानी रखती है। कंपनी का दावा है कि वह व्हिसल-ब्लोअर की तरह काम करती है। वित्तीय गड़बड़ियों और अनियमितताओं को सामने लाती है।
एंबुलेंस ड्राइवर भी रहे हैं एंडरसन
अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से पढ़े नाथन ने अपने करियर की शुरुआत फैक्ट सेट रिसर्च सिस्टम नाम की एक डाटा फर्म से की थी और इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। वॉल स्ट्रीट को एक इंटरव्यू में एंडरसन ने बताया था कि नौकरी के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि वह जिस कंपनी में काम कर रहे हैं, वह बहुत साधारण विश्लेषण करती है। इसके बाद खुद की फर्म शुरू करने का मन बनाया। नाथन एंडरसन इजराइल में एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि उन्हें 400 घंटे मेडिक का एक्सपीरियंस भी है।