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Hindenburg Report: SEBI की निवेशकों को सोच-समझकर कदम उठाने की नसीहत, शेयरों में हो सकती है शॉर्ट पोजिशन | Zee Business

 

Hindenburg Report, SEBI Response:  हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में भारतीय बाजार नियामक सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की चेयरमैन माधबी बुच पर कई आरोप लगाई है. अब इन आरोपों पर सेबी ने पलटवार किया है. सेबी ने बयान जारी कर कहा कि चेयरपर्सन माधबी बुच ने समय-समय पर प्रासंगिक खुलासे किए हैं. वहीं, चेयरपर्सन माधबी बुच ने संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था. साथ ही निवेशकों को शांति बनाए रखने और सोच समझकर कदम उठाने की नसीहत दी है. बाजार नियामक ने कहा हिंडनबर्ग की जिस शेयरों पर रिपोर्ट है, उन शेयरों में शॉर्ट पोजिशन हो सकती है. साथ ही कहा कि अदानी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सेबी ने जांच की है. वहीं, कुछ की जांच बाकी है. जांच की अवधि के दौरान सेबी किसी मामले में कुछ भी कहने से बचता है.

24 में से 22 आरोपों की जांच हो गई पूरी, शेयरों में हो सकती है शॉर्ट पोजीशन

सेबी के मुताबिक अदानी के खिलाफ 24 में से 22 आरोपों की जांच पहले ही कर ली गई, एक और की जांच मार्च 2024 में पूरी की है. इसके अलावा बचे हुए एक मामले की जांच पूरी होने के कगार पर है. जिन मामलों में जांच पूरी हुई उनमें कार्रवाई भी शुरू की गई है .सेबी ने विशेष रूप से रिपोर्ट में दिए गए अस्वीकरण की ओर निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें कहा गया है कि पाठकों को यह मान लेना चाहिए कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में शामिल शेयरों में शॉर्ट पोजीशन हो सकती है.

निवेशकों से की अपील, प्रतिक्रिया देने से पहले बरतें सावधानी 

सेबी ने 10 अगस्त 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जाी रिपोर्ट पर कड़ा रुख अपनाते हुए निवेशकों से अपील की है कि वे इस तरह की रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देने से पहले शांत रहें और सावधानी बरतें. सेबी ने हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज करते हुए साफ किया है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा पूर्व में लगाए गए आरोपों की विधिवत जांच हुई. सुप्रीम कोर्ट ने तीन जनवरी 2024 के आदेश में कहा था कि सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ 24 में से 22 जांच पूरी कर ली है.

भेजे गए 100 से ज्यादा समन, 12 हजार पेज वाले 300 दस्तावेजों की हुई जांच

सेबी ने कहा है कि अदानी ग्रुप के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के दौरान जानकारी मांगने के लिए 100 से ज्यादा समन, लगभग 1100 चिट्ठी और ईमेल जारी किए गए हैं. यही नहीं, घरेलू और विदेशी नियामकों और बाहरी एजेंसियों  से मदद मांगने के लिए 100 से ज्यादा कम्युनिकेशन हुए हैं. साथ ही लगभग 12000 पेज वाले 300 से अधिक दस्तावेजों की जांच की गई है.

हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी करने पर दिया जवाब

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में 27 जून 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च को कारण बताओ नोटिस जारी करने के सेबी के कदम पर भी सवाल उठाया गया है. इस पर सेबी ने कहा कि,  ‘हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा सिक्युरिटी कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए जारी किया गया कारण बताओ नोटिस कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करके जारी किया गया है. इस मामले में कार्यवाही जारी है और इसे स्थापित प्रक्रिया के अनुसार और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुपालन में निपटाया जा रहा है. ‘

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सेबी (REIT) रेगुलेशन्स 2014 के कार्यान्वयन के साथ-साथ ऐसे रेगुलेशन में बदलाव किए गए. इससे एक बड़े मल्टी नेशनल फाइनेंस ग्रुप को महत्वपूर्ण लाभ हुआ है. सेबी ने इस आरोप पर कहा,’यह ध्यान दिया जा सकता है कि सेबी (REIT) विनियम, 2014 में समय-समय पर बदलाव किया गया है.

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