हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के शेयरों में भूचाल ला दिया है। शुरुआती कारोबार में ही अडानी पावर 9 प्रतिशत से अधिक लुढ़क गया। अडानी विल्मर में 6 पर्सेंट से अधिक की गिरावट है। वहीं अडनी ग्रुप का बेंचमार्क स्टॉक अडानी एंटरप्राइजेज में भी 3.17 पर्सेंट की गिरावट है। अडानी टोटल गैस 7 फीसद से अधिक लुढ़का है। अडानी एनर्जी सॉल्यूशन में भी करीब साढ़े चार प्रतिशत की गिरावट है। एसीसी में 1.83 और अंबुजा सीमेंट में 1.54 फीसद की गिरावट है। अडाानी ग्रीन एनर्जी 3.61% लुढ़का है।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स महज 229 अंकों की गिरावट के साथ 79476 पर था। जबकि, निफ्टी 91 अंकों की गिरावट के साथ 24276 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था। निफ्टी टॉप लूजर में अडानी एंटरप्राइजेज 2.65 पर्सेंट नीचे 3102.95 रुपये पर था। एनटीपीसी में 1.92 पर्सेंट की गिरावट थी। जबकि, अडानी पोर्ट्स 1.81 पर्सेंट लुढ़क कर 1506 रुपये पर आ गया था।
बता दें पिछली बार अडानी समूह को घेरने के बाद इस बार सीधा बाजार नियामक सेबी को घेरा है। वहीं, हिंडनबर्ग पर पलटवार करते हुए माधबी बुच ने कहा कि भारत में कई तरह के नियामकीय उल्लंघनों के लिए हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है लेकिन इसका जवाब देने के बजाय कंपनी ने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला बोला है। सेबी ने भी बयान जारी कर आरोपों को खारिज कर दिया।
माधबी बुच ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसने जवाब देने के बजाए चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है।
क्या था पिछला आरोप
हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को अडानी समूह पर शेयरों में हेर-फेर और ऑडिटिंग घोटाला करने का आरोप लगाते हुए इसे कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया था। हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट उस समय जारी की थी जब अडानी समूह अडानी इंटरप्राइजेज 20 हजार करोड़ रुपये के शेयर खुदरा बिक्री के लिए जारी करने वाली थी। रिपोर्ट के जारी होने के बाद अडानी समूह के लगभग सभी कंपनियों के शेयरों में भूचाल आ गया था। हालांकि, बाद में सेबी ने उन्हें क्लीनचिट दी थी।