बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) जल्द ही गोल्ड और सिल्वर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट लॉन्च कर सकता है। हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर बीएसई के प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड और सिल्वर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट लॉन्च करने का सेबी का फैसला तर्कसंगत जान पड़ता है, क्योंकि इक्विटी डेरिवेटिव को लेकर बनी सेबी की वर्किंग कमेटी ने ऑप्शंस ट्रेडिंग में एमेच्योर निवेशकों की भागीदारी रोकने के लिए उपायों का प्रस्ताव किया है।
प्रस्तावों में प्रति एक्सचेंज एक वीकली ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट और मिनिमम कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू मे 4 से 6 गुना की बढ़ोतरी भी शामिल हैं। अगर इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है, तो नए नियमों से BSE के डेरिवेटिव सेगमेंट पर असर हो सकता है, जिसके मार्केट शेयर में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, BSE द्वारा कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च किए जाने का असर बुलियन मार्केट लीडर MCX के मार्केट शेयर और वॉल्यूम पर पड़ सकता है। बहरहाल, यह असर कितना कारगर है, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि बीएसई अपने इस प्रोजेक्ट को कैसे लागू करता है और ट्रेडर्स को एमसीएक्स (MCX) से लुभाने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाएगा।
ट्रेडबुल्स सिक्योरिटीज के सीनियर कमोडिटीज एनालिस्ट भाविक पटेल ने बताया, ‘BSE में गोल्ड/सिल्वर कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च होने से MCX के मार्केट शेयर पर असर नहीं के बराबर होगा। यहां तक कि NSE भी MCX से मार्केट शेयर छीनने में सफल नहीं रही है। दरअसल, कमोडिटी ट्रेडर्स ट्रेडिंग के लिए अपने पसंदीदा प्लेटफॉर्म पर टिके रहना चाहते हैं।’