ONGC share price: सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) के शेयरों में आज 7 अगस्त को 8 फीसदी तक की तेजी आई है। यह स्टॉक BSE पर 7.43 फीसदी की बढ़त के साथ 328.95 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। दरअसल, कंपनी ने FY25 के लिए अपने प्रोडक्शन गाइडेंस को बढ़ा दिया है। इस खबर के बाद आज कंपनी के शेयरों में खरीदारी देखी गई। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 4.13 लाख करोड़ रुपये हो गया है। स्टॉक का 52-वीक हाई 344.60 रुपये और 52-वीक लो 172.50 रुपये है।
ONGC ने बढ़ाया प्रोडक्शन गाइडेंस
ONGC के मैनेजमेंट ने FY27 तक टोटल क्रू़ड ऑयल प्रोडक्शन में 12 फीसदी की वृद्धि के साथ 23.1 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने और गैस प्रोडक्शन में 27 फीसदी की वृद्धि के साथ 25.9 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। इस बढ़ोतरी को KG-98/2 और दमन अपसाइड डेवलपमेंट से सपोर्ट मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने घोषणा की कि वह वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में KG-98/2 एसेट से गैस प्रोडक्शन शुरू करेगी।
ONGC के शेयरों के लिए ब्रोकरेज ने बढ़ाया टारगेट प्राइस
गाइडेंस में बदलाव के बाद इन्वेस्टेक ने ONGC पर ‘Buy’ रेटिंग बनाए रखी, और इसके टारगेट प्राइस को पहले के 230 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया। फर्म ने यह भी कहा कि ONGC का प्रोडक्शन गाइडेंस आशावादी लगता है, लेकिन कंपनी के खराब एग्जीक्यूशन ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए एग्जीक्यूशन अहम होगा। इसी तरह जेफरीज ने भी शेयर पर अपनी ‘Buy’ कॉल को बरकरार रखा, और इसके टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 410 रुपये कर दिया।
CLSA ने ONGC पर अपनी ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग को बरकरार रखा और टारगेट प्राइस 330 रुपये तय किया गया। ब्रोकरेज ने कहा गया कि कंपनी का EBITDA उम्मीदों से थोड़ा अधिक रहा, जबकि शुद्ध लाभ भी उम्मीदों के मुताबिक रहा। सीएलएसए ने कंपनी के अट्रैक्टिव वैल्यूएशन, नियर टर्म के ट्रिगर और हेल्दी डिविडेंड यील्ड को पॉजिटिव संकेत कहा है।
कैसे रहे ONGC के तिमाही नतीजे
ONGC ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की, जो 8938 करोड़ रुपये रहा, जबकि रेवेन्यू 4 फीसदी बढ़कर 35,266 करोड़ रुपये हो गया। कच्चे तेल का रियलाइजेशन पिछले वर्ष के 76.36 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 83.05 डॉलर प्रति बैरल हो गई। कुल कच्चे तेल का उत्पादन थोड़ा कम होकर 5.23 मिलियन मीट्रिक टन रह गया, और कुल गैस प्रोडक्शन 4 फीसदी घटकर 4.86 बिलियन क्यूबिक मीटर रह गया।