माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड के शेयरों में 7 अगस्त को शुरुआती कारोबार में 5% तक की बढ़त नजर आई। तिमाही नतीजों का असर कंपनी के शेयरों पर देखने को मिल रहा था। हालांकि, डोमेस्टिक ब्रोकरेज हाउस कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि वेदांता में हालिया तेजी के बाद कंपनी के शेयरों द्वारा ऑफर किया रिस्क रिवॉर्ड रेशियो सही नहीं है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 12 बजकर 50 मिनट पर कंपनी का शेयर 4.20% की बढ़ोतरी के साथ 431.30 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
कोटक ने कंपनी के स्टॉक को लेकर ‘सेल’ रेटिंग बनाए रखी है और इसका टारगेट प्राइस 320 रुपये से बदलकर 390 रुपये कर दिया गया है। कंपनी का नया टारगेट प्राइस मौजूदा मार्केट प्राइस से तकरीबन 10 पर्सेंट नीचे है। वेदांता के शेयरों में इस साल अब तक 68% की बढ़ोतरी रही है औ पिछले एक साल में इसमें 82% की तेजी रही है। कोटक का कहना है कि वेदांता के हालिया QIP और प्रमोटर्स द्वारा 4.4% स्टेक सेल की वजह से ग्रुप के लिए फंडिंग गैप को जोखिम बढ़ गया है।
ब्रोकरेज फर्म ने वित्त वर्ष 2025, वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए वेदांता के कंसॉलिडेटेड इबिट्डा में क्रमशः 5%, 13% और 16% बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। कोटक के नोट में कहा गया है, ‘ अर्निंग में बढ़ोतरी की वजह से हमारी फेयर वैल्यू 320 रुपये से घटकर 390 रुपये हो गई है। हालांकि, कंपनी के शेयरों में हालिया तेजी उचित नहीं जान पड़ती है, लिहाजा हमने सेल रेटिंग बनाए रखी है।’
बहरहाल, एक और ब्रोकरेज फर्म नुमवामा ने वेदांता को लेकर अपना पॉजिटिव स्टैंड बनाए रखा है। ब्रोकेरज फर्म को उम्मीद है कि कंपनी के लिए बेहतर संकेत मिल सकते हैं- मसलन हाई डिविडेंड, कॉस्ट में कटौती और वित्त वर्ष 2026 से एल्युमीनियम और जिंक में वॉल्यूम ग्रोथ। ग्रुप के डीमर्जर की प्रक्रिया वित्त वर्ष 2025 के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है।