सुजलॉन ग्रुप ने रेनोम एनर्जी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 76 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है। कंपनी ने इसके लिए जरूरी समझौता किया है। सुजलॉन ग्रुप यह हिस्सेदारी संजय घोड़ावत ग्रुप (SGG) से दो चरणों में खरीदेगा।
पहले चरण के तहत 400 करोड़ रुपये में 51 पर्सेंट हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया जाएगा। दूसरे चरण में सुजलॉन पहले अधिग्रहण के 18 महीनों के भीतर अतिरिक्त 25 पर्सेंट हिस्सेदारी का अधिग्रहण 260 करोड़ रुपये में करेगी।
रेनोम सबसे बड़ा मल्टी ब्रांड ऑपरेशंस और मेंटेनेंस सर्विस (“MBOMS”) प्रोवाइडर है। कंपनी के पास विंड में 1,782 मेगावॉट, सोलर में 148 मेगवॉट और बीओपी में 572 मेगावॉट का मेंटेनेंस है। सुजलॉन की प्रेस रिलीज में कहा गया है, ‘ इस रणनीतिक अधिग्रहण से रेनोम की संभावनाओं का बेहतर इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी और यह स्वतंत्र सर्विस प्रोवाइडर और कई ब्रांड्स की रिन्यूएबल एनर्जी एसेट्स का कस्टोडियन बन पाएगा।’
सुजलॉन ग्रुप के वाइस चेयरमैन गिरीश तांती ने बताया, ‘भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावॉट का रिन्यूएबल एनर्जी इंस्टॉलेशन हासिल करना है। हमें आने वाले समय में कई तरह की अलग-अलग टेक्नोलॉजी और विंड टर्बाइन देखने को मिलेंगे।
रेनोम इस डोमेन में सबसे बड़ा खिलाड़ी उभरकर सामने आया है। इस अधिग्रहण से सुजलॉन ग्पुप को देश की रिन्यूएबल एनर्जी एसेट्स की सुरक्षा के साथ-साथ ग्रोथ के अपने एजेंडे पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।’ सुजलॉन का कहना है कि इस इस डील को पूरा करने के लिए अलग-अलग स्तर पर कई शर्तों का पालन करना भी जरूरी होगा।