Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हालात हर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। देश के कई हिस्सों से हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं, जो न केवल बांग्लादेश के लिए बल्कि भारत के व्यापारियों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। यदि हालात जल्द सामान्य नहीं होते हैं, तो बड़ी कंपनियों से लेकर छोटे व्यापारियों तक सभी पर इसका बुरा असर झेलना पड़ सकता है।
भारतीय निर्यातकों को हो रहा भारी नुकसान
रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में हिंसा के कारण भारतीय निर्यातकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। दिल्ली के व्यापारियों का लगभग ₹3,000 करोड़ रुपये मूल्य का सामान और पेमेंट बांग्लादेश में अटका हुआ है। बांग्लादेश से चूड़ियां, साड़ियां, लहंगे, जूते, मेकअप प्रोडक्ट और अन्य कई वस्तुओं की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई है। हालांकि, फिलहाल इन वस्तुओं की कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
बांग्लादेश: ब्रांडेड कपड़ों और जूतों का बड़ा बाजार
बांग्लादेश ब्रांडेड कपड़ों और जूतों के लिए एक प्रमुख बाजार है। पड़ोसी देश से बड़ी मात्रा में सामान भारत आता है। कई भारतीय कंपनियों ने वहां प्रोडक्शन यूनिट लगाई है ताकि मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट को कम किया जा सके। सिलाई और लेबर कॉस्ट भी भारत की तुलना में सस्ती होने के कारण दिल्ली के कई व्यापारी अपने लहंगे और अन्य कपड़ों की सिलाई बांग्लादेश में कराते हैं।
पूरी तरह से रुका कारोबार
बांग्लादेश को कई प्रकार के सामान निर्यात किए जाते हैं। हालांकि, मौजूदा स्थिति के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया है। वर्तमान में ट्रकों को किसी भी परिस्थिति में बांग्लादेश जाने की अनुमति नहीं है। कार, बाइक और ई-रिक्शा के स्पेयर पार्ट्स का निर्यात करने वाले कई व्यापारी, जिनमें करोल बाग और कश्मीरी गेट मार्केट के व्यापारी प्रमुख हैं, उनको भारी नुकसान हो रहा है। करोल बाग के एक सप्लायर ने बताया कि हर दिन हजारों टन सामान बांग्लादेश भेजा जाता था, लेकिन अस्थिरता के कारण निर्यात और आयात पूरी तरह से बंद हो गया है। उन्होंने आगे बताया कि करोड़ों रुपये का पेमेंट अब भी पेंडिंग है।
भारतीय दूतावास से मिल रही है मदद
जिन व्यापारियों का पेमेंट हिंसा के कारण अटका हुआ है, उनके लिए बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास ही मुख्य सहारा बना हुआ है। कुछ व्यापारियों ने अपनी चिंताओं के साथ बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क किया है। अधिकारियों ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि वे उनके मुद्दों को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। व्यापारियों ने बांग्लादेशी सरकारी अधिकारियों से भी संपर्क किया है ताकि उनका पेमेंट हो सके।
बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव
बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार की भूमिका स्वीकार कर ली है। यह निर्णय 6 अगस्त को लंबे समय से प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना के इस्तीफे के बाद लिया गया है