LIC Share Price: सरकारी बीमा कंपनी एलाईसी में सरकार अपनी हिस्सेदारी आने वाले समय में घटा सकती है। हिंदू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार सरकार चालू वित्त वर्ष में एलाईसी में अपनी 5 हिस्सेदारी को घटा सकती है। जिससे मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियम को बरकरार रखा जा सके। बता दें, मई 2022 में एलआईसी का आईपीओ आया था। तब इस आईपीओ की साइज 21,000 करोड़ रुपये का था। तब से अबतक इतना बड़ा किसी कंपनी का आईपीओ नहीं आया है।
क्या था एलआईसी का प्राइस बैंड
10 रुपये के फेस वैल्यू पर भारत सरकार ने ऑफर फॉर सेल के तहत 22,374,920 शेयर बेच थे। एलआईसी के आईपीओ का प्राइस बैंड 902 रुपये से 949 रुपये प्रति शेयर था। बता दें, सरकार ने आईपीओ के जरिए 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को घटाया था।
ये विकल्प चुन सकती है सरकार
एलआईसी में सरकार की इस समय पर कुल हिस्सेदारी 96.50 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार हिस्सेदारी घटाने के लिए सरकार फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर और फिर क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशन्स प्लेसमेंट (QIP) का विकल्प चुन सकती है।
सरकार को मिला है समय
20 दिसंबर 2023 को वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इकोनॉमिक अफेयर्स ने 25 प्रतिशत के मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम में 10 साल की छूट दी थी। जोकि मई 2032 तक प्रभावी रहेगा। इस साल मई में सेबी ने कम से कम 10 प्रतिशत पब्लिक शेयर होल्डिंग के लिए 16 मई 2027 तक का समय दे दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार डेडलाइन से पहले अपनी हिस्सेदारी घटाने का प्रयास कर रही है।
LIC के शेयरों में तेजी
बुधवार को एलआईसी के शेयरों में तेजी देखने को मिली। बाजार के बंद होने के समय पर कंपनी के शेयरों का भाव 4 प्रतिशत की तेजी के साथ 1123.90 रुपये था। वहीं, दिन का उच्चतम स्तर बीएसई में 1127.05 रुपये रहा है। बता दें, एलआईसी का 52 वीक हाई 1221.50 रुपये और 52 वीक लो लेवल 597.65 रुपये है।