Bangladesh crisis impact: अभूतपूर्व राजनीतिक संकट से गुजर रहे बांग्लादेश में हालात तेजी से बदल रहे हैं। वहां के हालात का असर भारतीय कंपनियों पर भी पड़ सकता है। डाबर से लेकर ट्रेंट तक कई भारतीय कंपनियों का बांग्लादेश में बाजार या सप्लाई चेन कंपोनेंट के रूप में भागीदारी है। बता दें प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर ‘सुरक्षित स्थान’ की तलाश में देश छोड़कर भाग गई हैं। हसीना ने भारत में उतरने के बाद हिंडन एयरबेस पर एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की। राजनयिक सूत्रों के अनुसार वह लंदन के लिए रवाना हो गई हैं। अब देश में बांग्लादेश में वहां की सेना अंतरिम सरकार बनाएगी।
इन कंपनियों पर पड़ सकता है बांग्लादेश संकट का असर
वीआईपी इंडस्ट्रीज: सीएनबीसी टीवी-18 के मुताबिक लगेज निर्माता के पास बांग्लादेश में 8 मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है और इसकी लगभग 30 से 35% क्षमता यहां से प्राप्त होती है। कंपनी की लेटेस्ट वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वीआईपी इंडस्ट्रीज ने सॉफ्ट लगेज की मांग में गिरावट के जवाब में, मैनपावर को कम करने सहित अपनी बांग्लादेश में मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी का पुनर्गठन किया था।
मैरिको: बांग्लादेश मैरिको के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का एक प्रमुख कंपोनेंट है, जो कुल रेवेन्यू का एक चौथाई से अधिक हिस्सा है। मैरिको के अंतर्राष्ट्रीय रेवेन्यू का लगभग 44% बांग्लादेश से आता है। वित्तीय वर्ष 2022 में 51% से, मैरिको का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2027 के अंत तक अपने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में बांग्लादेश की हिस्सेदारी को 40% से कम करना है।
डाबर, जीसीपीएल और ब्रिटानिया: यह एफएमसीजी तिकड़ी भी फोकस में होगी क्योंकि उनका भी बांग्लादेश में सेल एक्सपोजर है। हालांकि, यह मात्रा उनके कुल रेवेन्यू का 5% से कम है।
जुबिलेंट फूडवर्क्स: डोमिनोज ऑपरेटर के बांग्लादेश में 28 स्टोर हैं, जो इसकी कंसॉलिडेटेड सेल का लगभग 1% है।
ट्रेंट: बांग्लादेश टाटा समूह की कंपनी के लिए सोर्सिंग के लिए हांगकांग और थाईलैंड के साथ सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक है। हालांकि, देश से की गई सोर्सिंग की मात्रा का खुलासा नहीं किया गया है। इन कंपनियों के अलावा, गारमेंटस और टेक्सटाइल्स स्टॉक बांग्लादेश में इन संकटों के लाभार्थी हो सकते हैं, क्योंकि कंपनियां बांग्लादेश+1 सप्लाई चेन की ओर देखेंगी।
सात अगस्त तक बंद रहेंगे LIC के दफ्तर
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश में उसका कार्यालय सात अगस्त तक बंद रहेगा। एलआईसी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, “बांग्लादेश में मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक स्थिति के कारण एलआईसी ऑफ बांग्लादेश का कार्यालय 05 अगस्त, 2024 से 07 अगस्त, 2024 की अवधि के दौरान बंद रहेगा।” बांग्लादेश सरकार ने 5 से 7 अगस्त, 2024 तक तीन दिवसीय कर्फ्यू की घोषणा की है। एलआईसी का शेयर 5 अगस्त को बीएसई पर 6.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,110 रुपये पर बंद हुआ।