Stock Market Strategy: दुनिया भर के स्टॉक मार्केट में हाहाकार मचा हुआ है। घरेलू स्टॉक मार्केट की बात करें तो दो कारोबारी दिनों में इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 4 फीसदी टूट गए। अब ऐसे में निवेशकों को यह उलझन हो रही है कि ऐसे मार्केट में किस स्ट्रैटेजी से पैसे लगाएं। आमतौर पर मार्केट जब गिर रहा होता है तो दो ही प्रकार की स्ट्रैटेजी होती है, या तो ‘वेट एंड वॉच’ यानी देखो और इंतजार या ‘बाय ऑन डिप’ यानी गिरावट पर खरीदारी की। मार्केट की मौजूदा गिरावट में एक्सपर्ट्स निवेशकों को सतर्क कर रहे हैं कि वैश्विक मार्केट में बढ़ती अनिश्चितता के चलते फिलहाल ‘देखो और इंतजार करो’ वाली स्ट्रैटजी ही सही है।
वैश्विक मार्केट में क्यों है बिकवाली का दबाव?
पिछले हफ्ते ओवरवैल्यूएशन और धीमी अर्निंग्स ग्रोथ से जुड़ी चिंताओं के चलते अमेरिकी मार्केट में टेक स्टॉक्स धड़ाम हो गए। अमेरिका में जॉब डेटा में सामने आया कि बेरोजगारी बढ़ रही है जिससे इकॉनमी की सुस्ती के भयावह संकेत मिले। इसके अलावा बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरें बढ़ा दीं जिसके चलते कई वैश्विक मनी मैनेजर जिन्होंने येन के रूप में कर्ज लिया था, उन्होंने एसेट्स बेचना शुरू कर दिया। इन सबसे ऊपर ईरान और इजराइल के बीच जंगी माहौल ने बिकवाली का दबाव और बढ़ा दिया। यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जब निफ्टी का वैल्यूएशन काफी हाई हो चुका है।
क्या है एक्सपर्ट्स का रुझान?
मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा का कहना है कि इसने रिस्क लेने की क्षमता को मापने और एसेट एलोकेशन का शानदार मौका दिया है। अजय का मानना है कि मार्केट में तेज रिकवरी दिख सकती है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि मार्केट में निवेश पर पोर्टफोलियो में शॉर्ट टर्म गिरावट का दबाव दिख सकता है लेकिन इससे दूर रहना अधिक रिस्क है।
वहीं HDFC सिक्योरिटीज के उमेश शर्मा का कहना है कि भारतीय मार्केट का लॉन्ग टर्म आउटलुक तो बेहतर है लेकिन वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता है। ऐसे में उन्होंने सलाह दी है कि पहले अनिश्चितता की स्थिति दूर हो जाने दें और फिर निवेश से जुड़े फैसले लें। हालांकि जो मार्केट में पैसे डालना चाहते हैं, उन्हें कंज्यूमर स्टेपल्स, फार्मा, कुछ आईटी स्टॉक्स और बड़े बैंकों को प्रॉयोरिटी देनी चाहिए।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स में यूएई बिजनेस एंड स्ट्रेटजी की प्रमुख तन्वी कंचन इस बिकवाली को मुनाफावसूली के रूप में देख रही हैं। उनका मानना है कि यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रहने वाली है। उन्होंने इसे खरीदारी के मौके के रूप में देखने को कहा है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि निवेशकों को फिलहाल मार्केट के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए और फिर इसमें नई पूंजी डालनी चाहिए। मार्केट में थोड़ी स्थिरता आती है तो एफएमसीजी और फार्मा जैसे डिफेंसिव और लॉर्ज कैप के उन स्टॉक्स में पैसे डाल सकते हैं जिनकी वैल्यू सही है।
स्वास्तित इनवेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि ट्रेडर्स और इनवेस्टर्स को निवेश के लिए बेहतर लेवल का इंतजार करना चाहिए। संतोष के मुताबिक भारतीय मार्केट का आउटलुक बुलिश ही है लेकिन बिकवाली के मौजूदा माहौल में निवेशकों को जहां वैल्यूएशन हाई लग रहा है, वहां मुनाफा बुक कर लेना चाहिए।
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