Share Market Crash: अमेरिकी मंदी की आशंका बढ़ने और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बाद सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 3 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों में भगदड़ से सेंसेक्स बुरी तरह प्रभावित हुआ और शुरुआती कारोबार में करीब तीन प्रतिशत गिरकर 78,580.46 अंक पर आ गया। निफ्टी 50 करीब 2 फीसदी गिरकर 24,277.60 के स्तर पर आ गया।
भारतीय शेयर बाजार को इन 3 कारणों से लगा जोर का झटका
कारण नंबर 1. अमेरिका में मंदी की आशंका ने वैश्विक स्तर पर निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता को एक गंभीर झटका दिया है। बीते शुक्रवार को जुलाई के पेरोल आंकड़े जारी हुए और अमेरिकी बेरोजगारी दर पिछले महीने तीन साल के उच्च स्तर 4.3 प्रतिशत के करीब पहुंच गई थी, जो जून में 4.1 प्रतिशत थी। जुलाई में बेरोजगारी दर में लगातार चौथी मासिक वृद्धि दर्ज की गई।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि जुलाई में अमेरिका में रोजगार के मौके में गिरावट और अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत होने से यह उम्मीद अब खतरे में है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों ने अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी की संभावना को 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया है। मंदी की आशंकाओं के बीच विशेषज्ञों को इस साल अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती की संभावना अधिक दिख रही है। फेड इस साल सितंबर, नवंबर और दिसंबर में संचयी रूप से 100 बीपीएस की दरों में कटौती कर सकता है। वहीं, जेपी मॉर्गन एक्सपर्ट्स को सितंबर में रेट में 50 बीपीएस और नवंबर में 50 बीपीएस की कटौती का अनुमान है।
कारण नंबर 2. मीडिल-ईस्ट में बढ़ता तनाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल द्वारा हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानियेह की हत्या के बाद ईरान ने बदला लेने की कसम खाई है। हानियेह की उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए थे। दोनों पक्षों की बढ़ती धमकियों और कार्रवाइयों ने युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। अगर युद्ध मौजूदा स्तरों से बढ़ता है, तो यह बाजार की धारणा को मजबूती से प्रभावित करेगा।
कारण नंबर 3. स्ट्रेच्ड वैल्यूएशन
भारतीय शेयर बाजार का मौजूदा वैल्यूएशन बढ़ा हुआ है और विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार हेल्दी करेक्शन के लिए तैयार है। विशेष रूप से मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में उच्च बने हुए हैं। रक्षा और रेलवे जैसे बाजार के ओवरवैल्यूड सेगमेंट दबाव में आने की संभावना है। निवेशकों को इस करेक्शन में खरीदारी करने की जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है।