इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स (वीआईएक्स) 5 अगस्त को 50 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। ग्लोबल मार्केट में बिकवाली का असर सोमवार को इंडियन मार्केट्स पर पड़ा। 5 अगस्त को बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी क्रैश कर गए। इससे इंडिया वीआईएक्स सोमवार को 20 के लेवल को पार कर गया। यह 52 फीसदी का उछाल है। यह अगस्त 2015 के बाद एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है।
प्रमुख एशियाई बाजारों में भी बड़ी गिरावट
दोपहर 1:08 बजे Nifty 757 प्वाइंट्स यानी 3.07 फीसदी गिरकर 23,958 पर चल रहा था। Sensex 2500 प्वाइंट्स यानी 3.06 फीसदी लुढ़कर 78,490 पर था। निफ्टी बजट के दिन के अपे 24,074 के लेवल के नीचे चला गया है। दूसरे एशियाई बाजारों में भी बड़ी गिरावट आई है। जापाना का Nikkei 12 फीसदी से ज्यादा गिर गया है। कोस्पी में लोअर सर्किट लग गया। ताइवान का इंडेक्स 8 फीसदी लुढ़का।
फिलहाल गिरावट रुकने वाली नहीं
यूएस फ्यूचर्स से इस बात का संकेत मिल रहा है कि बाजार की गिरावट फिलहाल रुकने वाली नहीं है। डावो जोंस फ्यूचर्स 400 प्वाइंट्स गिरा है। नैस्टेडेक फ्यूचर्स 700 नीचे चल रहा है। मार्केट एक्सपर्ट ने कहा कि यह हफ्ता मार्केट के लिए मुश्किल रहेगा। ग्लोबल मार्केट्स के संकेतों को देख ऐसा लगता है कि फिलहाल कुछ शेयरों में ज्यादा गितिविधियां देखने को मिलेंगी।
डर के इंडेक्स का मतलब क्या है?
इंडिया वीआईएक्स मार्केट के सेंटिमेंट के बारे में बताता है। इसे डर का इंडेक्स भी कहा जाता है। इसके बढ़ने का मतलब है कि मार्केट में डर का माहौल है। इसमें गिरावट का मतलब है कि मार्केट में पार्टिसिपेंट्स का आत्मविश्वास मजबूत है। इस तरह मार्केट के सूचकांक और वीआईएक्स में उलट संबंध है। वीआईएक्स बढ़ने का मतलब है कि सूचकांकों में गिरावट आएगी। वीआईएक्स गिरने का मतलब है कि सूचकांकों में तेजी दिख सकती है।
पिछले कई महीनों से लगातार लगातार चढ़ रहे थे
पिछले कई महीनों से अमेरिकी सहित दुनियाभर के बाजारों में तेजी जारी थी। खासकर इंडिया में लगातार तेजी की वजह से मार्केट की वैल्यूएशन बहुत बढ़ गई थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर काफी महंगे हुए हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स पहले से मार्केट में गिरावट का अनुमान जता रहे थे। लेकिन, अजानक इतनी बड़ी गिरावट की उम्मीद किसी को नहीं थी।