भारतीय शेयर बाजार में जापान के फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) का निवेश 2.06 लाख करोड़ रुपये है। यह भारतीय शेयरो में कुल फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट का 3 पर्सेंट से थोड़ा सा कम है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, जापानी फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स की टोटल एसेट्स अंडर कस्टडी (AUC) 2.17 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 2.06 करोड़ रुपये का निवेश शेयरों में है।
भारत में अलग-अलग देशों के फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स का कुल AUC देखा जाए, तो इस मामले में जापान 9वें स्थान पर है। इसके अलावा, कुल फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट में जापानी पोर्टपोलियो इनवेस्टर्स का हिस्सा 3 पर्सेंट से कम यानी 2.88 पर्सेंट है। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, कुल इक्विटी AUC 71.5 लाख करोड़ रुपये है।
अगर सिर्फ इक्विटी निवेश की बात करें, तो जापानी फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वाले 8वें सबसे बड़े फॉरेन इनवेस्टर हैं। यह बेहद अहम है, क्योंकि रिवर्स येन कैरी ट्रेड के संभावित असर को लेकर भारतीय शेयर बाजार समेत ग्लोबल मार्केट्स में घबराहट का माहौल है। येन कैरी ट्रेड ऐसी स्ट्रैटेजी है, जिसके तहत वैसी करेंसी में लोन लिया जाता है, जिसमें ब्याज दर कम हो और इसे ऐसे एसेट क्लास में निवेश किया जाए जहां रिटर्न की दर ज्यादा हो। इस मामले में इसका संबंध येन और भारतीय शेयर बाजार से है।
यह स्ट्रैटेजी फॉरेक्स ट्रे़डर्स में लोकप्रिय है और इसका इस्तेमाल ऐसे फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है, जो इक्विटीज, कमोडिटीज और बॉन्ड में निवेश करते हैं। बाजार के खिलाड़ियों का मानना है कि ग्लोबल चिंताओं का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ेगा। हालांकि, भारतीय शेयर बाजार के बेहतर रिटर्न, मजबूत इकोनॉमिक आउटलुक आदि वजहों से इस असर का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।