कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने जीरोधा एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (Zerodha Asset Management Private Limited) और उसके डायरेक्टरों पर तय समयसीमा के भीतर चीफ फाइनेंस ऑफिसर (CFO) की नियुक्ति नहीं कर पाने के लिए जुर्माना लगाया है। जिन डायरेक्टरों पर जुर्माना लगाया गया है, उसमें कंपनी के को-फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) भी शामिल है। जीरोधा एसेट मैनेजमेंट ने 9 जनवरी 2024 को खुद से मंत्रालय में एक एप्लिकेशन जमा किया था, जिसमें यह स्वीकार किया गया कि उन्होंने अभी तक CFO की नियुक्ति नहीं की है, जो कंपनी एक्ट 2013 की धारा 203 का उल्लंघन है।
यह धारा कहता है कि जीरोधा जैसी 10 करोड़ से अधिक की शेयर कैपिटल वाली कंपनियों को सार्वजनिक कंपनियों के रूप में देखा जाता है और इन्हें अपने अहम मैनेजेरियल पदों पर फुल-टाइम नियुक्ति करनी होती है। इसमें CFO का पद भी शामिल है।
आदेश में कहा गया है, “कंपनी एक्ट 2013 की धारा 203(1) के मुताबिक कुछ निश्चित साइज की कंपनियों में CFO और कंपनी सेक्रेटरी जैसे अहम मैनेजेरियल पदों पर फुलटाइम कर्मचारी नियुक्ति होने चाहिए। कंपनी (अप्वाइंटमेंट एंड रेम्युनरेशन ऑफ मैनेजेरियल पर्सोनेल) रूल्स 2014 के नियम 8 में यह साफ कहा गया है कि 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की शेयर कैपिटल वाली किसी भी कंपनी को इसका पालन करना होगा।”
आदेश में आगे कहा गया, “कंपनी ने 24 मार्च, 2023 तक इस नियम का पालन नहीं किया और फिर बाद में चिंतन भट्ट को इस पद पर नियुक्त किया। 459 दिनों तक चली इस देरी के कारण मंत्रालय ने फर्म पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है।”
कंपनी आदेश का देगी चुनौती
मंत्रालय के आदेश पर जीरोधा एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ विशाल जैन ने बताया कि इस आदेश में कंपनी के गठन के बाद लेकिन कारोबार शुरू होने से पहले के समय को भी जोड़ा गया है। कंपनी ने गठन के 6 महीने के भीतर CFO की नियुक्ति में अनजाने में हुई देरी को लेकर एप्लिकेशन दिया था। उन्होंने कहा, “कंपनी आदेश का विरोध कर रही है और 16 जुलाई 2024 को हैदराबाद के रिजनल डायरेक्टर के सामने इस मामले में अपील दायर की जा चुकी है।”
इस बीच, MCA ने कंपनी पर अधिकतम 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा कंपनी के फाउंडर और डायरेक्टर नितिन कामत पर 4.08 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। डायरेक्टर राजन्ना भुवनेश को सबसे अधिक 5 लाख रुपये का जुर्माना मिला। इसके बाद सीईओ विशाल वीरेंद्र जैन (3.45 लाख रुपये), कंपनी सचिव शिखा सिंह (3.45 लाख रुपये), निदेशक निथ्या ईश्वरन (1.50 लाख रुपये), निदेशक तुषार महाजन (1.50 लाख रुपये) का स्थान रहा।