Share Market Today: कमजोर ग्लोबल संकेतों और चौतरफा बिकवाली के चलते शेयर बाजारों में आज 2 अगस्त को भारी गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 1 फीसदी से अधिक टूट गए। इससे निवेशकों को सिर्फ एक दिन में करीब 4.56 लाख करोड़ रुपये का तगड़ा नुकसान हुआ। सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्सेज भी लाल निशान भी बंद हुए। सबसे अधिक गिरावट रियल्टी शेयरों में देखने को मिली। निफ्टी रियल्टी 3.5 प्रतिशत से अधिक गिरा। वहीं ऑटो और मेटल शेयरों के इंडेक्स में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट आई। आईटी इंडेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। जबकि बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी क्रमशः 1.19 प्रतिशत और 0.58 प्रतिशत लुढ़ककर बंद हुआ।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 5 प्रमुख कारण ये रहे-
1. ग्लोबल मार्केट्स से कमजोर संकेत
अमेरिकी इकोनॉमी के कमजोर आंकड़ों के चलते गुरुवार को यूएस स्टॉक मार्केट लड़खड़ाकर गिर गया था। इसके बाद शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजार भी तगड़ी गिरावट के साथ खुले। अमेरिका में बेरोजगारी का दावा करने वालों की संख्या में साप्ताहिक आधार पर इजाफा हुआ है। साथ ही देश की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ भी अनुमान से अधिक सुस्त हुई है। इसने अमेरिकी इकोनॉमी की रिकवरी को लेकर चिंताएं बढ़ा दी है। साथ ही इस बात की भी आशंका बढ़ गई है कि फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती करने में बहुत देर कर सकता है।
2. मुनाफावसूली
सेंसेक्स ने गुरुवार को पहली बार 82,000 का आंकड़ा पार किया। पिछले 6 दिन में सेंसेक्स करीब 1,800 अंक बढ़ा है। निफ्टी ने भी एक दिन पहले पहली बार 25,000 के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को पार किया। इसके चलते कई निवेशकों ने रिकॉर्ड ऊंचाई पर मुनाफावसूली का रास्ता अपनाया। खासतौर से मिडकैप और स्मॉलकैप में अच्छी मुनाफावसूली हुई है। हालांकि बाजार में पिछले कुछ समय से हर बार गिरावट पर खरीदारी देखने को मिल रही है। देखना होगा कि क्या इस बार निवेशक इस रणनीति को अपनाते हैं।
3. महंगा वैल्यूएशन
शेयर बाजार में हालिया तेजी ने वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं बढ़ा दी है। मार्केट्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार में इस समय करेक्शन की गुंजाइश है। निफ्टी 50 का मौजूदा प्राइस-टू-अर्निंग्स (PE) रेशियो 23.5 है जो इसके दो साल के औसत पीई 22 से ऊपर है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने कहा कि बहुत से स्टॉक के वैल्यूएशन को उनके फंडामेंटल्स से सपोर्ट नहीं मिल रहा है, जो हालिया मुनाफावसूली के पीछे के प्रमुख कारण है। सिर्फ इस साल निफ्टी में अबतक करीब 14 फीसदी की तेजी आ चुकी है।
4. भू-राजनीतिक तनाव
बुधवार को तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनीया की हत्या से भी स्टॉक मार्केट में घबराहट बढ़ गई है। इस घटना के चलते ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष बढ़ने की आशंका बढ़ गई है, जिससे ग्लोबल मार्केट और अधिक अस्थिर हो गया है। इसके अलावा इजरायल ने एक दिन पहले हमास के सैन्य विंग के प्रमुख मोहम्मद देफ की पिछले महीने गाजा में हवाई हमले के दौरान मौत का भी दावा किया है।
5. जून तिमाही के कमजोर नतीजे
भारतीय कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे अभी तक कोई खास छाप छोड़ने में नाकामयाब रहे हैं। लगभग अधिकतर कंपनियों के नतीजे बाजार के अनुमानों के मुताबिक रहे हैं और उन्होंने मौजूदा वित्त वर्य या अगले वित्त वर्ष के अपने अर्निंग अनुमानों में कोई खास इजाफा नहीं किया है। आईटी कंपनियों में थोड़ी रिकवरी के संकेत दिखे हैं, लेकिन दूसरे बैंकिंग सेक्टर में नेट इंटरेस्ट मार्जिन के मोर्च पर दबाव देखने को मिला है। इन नतीजों से यह चिंता बढ़ गई है कि बाजार मौजूदा वैल्यूएशन के स्तर को बरकरार नहीं रख पाएगा।
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