अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग आज यानी 31 जुलाई को खत्म हो जाएगी। ज्यादातर लोगों का मानना है कि इंटरेस्ट रेट्स बगैर बदलाव 5.25-5.5 फीसदी की रेंज में बने रहेंगे। अमेरिकी इकोनॉमी की स्थिति न तो खराब है और न ही बहुत अच्छी है। इनफ्लेशन कंट्रोल में है, लेकिन बेरोजगारी दर बढ़ रही है। लोगों के खर्च में भी सुस्ती दिख रही है। अगर लोग ज्यादा खर्च नहीं करेंगे और नौकरियों के पर्याप्त मौके पैदा नहीं होंगे, तो इसका असर कंपनियों के प्रदर्शन पर पड़ेगा। इससे उनका प्रॉफिट घट सकता है।
फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के सितंबर में इंटरेस्ट रेट घटाने की उम्मीद बढ़ी है। हालांकि, हेडोनोवा के सीआईओ सुमन बनर्जी का मानना है कि इसकी उम्मीद कम है। उनका कहना है कि निवेशकों को उतारचढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए।
एनटीपीसी के शेयरों में 30 जुलाई को 3.3 फीसदी तेजी आई। शेयर 407 रुपये पर बंद हुआ। बुल्स का कहना है कि NTPC के अपनी रिन्यूएबल कंपनी NTPC Green Energy को लिस्ट कराने से वैल्यू अनलॉक होगी। कंपनी ने FY27 में अपनी क्षमता 23 गीवावॉट बढ़ाने का प्लान बनाया है। उधर, बेयर्स का कहना है कि गैस-आधारित बिजली का उत्पादन महंगा है। आगे कार्बन टैक्स लगना तय दिख रहा है।
एसीसी के शेयर 30 जुलाई को बगैर बदलाव के 2,595 रुपये पर क्लोज हुए। पहली तिमाही में कंपनी के प्रॉफिट और रेवेन्यू में गिरावट की वजह से शेयरों में गिरावट आई थी। बुल्स का कहना है कि क्षमता बढ़ाने के प्लान पर काम चल रहा है। इससे आगे वॉल्यूम ग्रोथ अच्छी रहेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे रोड, रेलवे और एफोर्डेबल हाउसिंग पर खर्च बढ़ने से सीमेंट की मांग बढ़ेगी। उधर, बेयर्स का कहना है कि सीमेंट की कीमतें कम चल रही हैं, जिसका असर कंपनी के ऑपरेशनल परफॉर्मेंस पर पड़ेगा। क्षमता बढ़ाने में देर होने पर कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में कमी आ सकती है।
कोलगेट पामोलिव का शेयर 30 जुलाई को 4.73 फीसदी चढ़कर 3,361 रुपये पर बंद हुआ था। कंपनी के पहली तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं। बुल्स का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में डिमांड में रिकवरी आ रही है, जिसका फायदा कंपनी को मिलेगा। नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दांतों की सफाई पर जागरूकता बढ़ने से कंपनी के लिए अपने ओरल केयर बिजनेस में अच्छी ग्रोथ हासिल करने की गुंजाइश है। टूथपेस्ट में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी दूसरे सबसे बड़े ब्रांड के मुकाबले तीन गुनी है। उधर, बेयर्स ने नुवामा की रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो Colgate Palmolive के पक्ष में नहीं है। उधर, एमके का कहना है कि बिजनेस को डायवर्सिफाइ नहीं करना एक बड़ा चैलेंज दिख रहा है।