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मारुति सुजुकी का मुनाफा 47% बढ़कर ₹3,650 करोड़: पहली तिमाही में आय 10% बढ़ी, कंपनी का शेयर 3.89% चढ़ा

 

मारुति सुजुकी का वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 47% बढ़कर ₹3,650 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का स्टैंडअलोन मुनाफा ₹2,485 करोड़ रहा था।

 

मारुति सुजुकी ने आज यानी 31 जुलाई को पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी के ऑपरेशन से स्टैंडअलोन रेवेन्यू यानी आय में सालाना आधार पर 10% की बढ़ोतरी हुई है।

पहली तिमाही में रेवेन्यू ₹35,531 करोड़ रहा
FY25 की पहली तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹35,531 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही यानी FY24 की पहली तिमाही में रेवेन्यू ₹32,327 करोड़ रहा था।

मारुति सुजुकी का शेयर आज 3.89% बढ़ा
मारुति सुजुकी का शेयर आज 3.89% बढ़कर ₹13,375 पर बंद हुआ। पिछले एक साल में कंपनी के शेयर ने 36.19% का रिटर्न दिया है। बीते 6 महीने में शेयर 31.30% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट कैप 4.14 लाख करोड़ रुपए है।

क्या होता है स्टैंडअलोन और स्टैंडअलोन?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और स्टैंडअलोन। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, स्टैंडअलोन या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।

1981 के भारत सरकार के स्वामित्व में बनी थी मारुति
मारुति सुजुकी की स्थापना 24 फरवरी 1981 के भारत सरकार के स्वामित्व में मारुति इंडस्ट्रीज लिमिटेड रूप में हुई थी। 1982 में कंपनी ने जापान की सुजुकी कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर जॉइंट वेंचर ‘मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड’ बनाई।

भारतीयों के लिए पहली बजट कार 1983 में मारुति 800 लॉन्च हुई। 47,500 रुपए की एक्स शोरूम कीमत पर कंपनी ने देश के एक बड़े तबके को कार खरीदने के सक्षम बनाया था। मारुति सुजुकी पिछले 40 साल में देश में करीब 3 करोड़ गाड़ियां बेच चुकी है।

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